कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने खुद को पद से हटाए जाने की संभावना पर रविवार को कहा कि भाजपा हाईकमान से निर्देश मिलने के बाद वह उचित निर्णय लेंगे। उन्होंने मीडिया से कहा कि शाम तक निर्देश मिलेंगे तो आपको भी इसके बारे में पता चल जाएगा। एक बार निर्देश मिल जाने पर मैं उचित निर्णय लूंगा।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने खुद को सीएम बनाए जाने की अटकलों को साफ तौर पर खारिज किया है। उनका कहना है कि फ्रंट रनर या फिर बैक रनर की कोई बात ही नहीं है। उनसे पार्टी नेतृत्व ने अभी तक ऐसी कोई बात साझा नहीं की है जो उनके सीएम बनने से जुड़ी हो। ये बातें केवल मीडिया की अटकले हैं। उनका कहना है कि मीडिया ही येदियुरप्पा को हटाने और उन्हें सीएम बनाने को लेकर एक तरह का अभियान चला रहा है। उनके पास पार्टी की तरफ से इस बाबत कोई दिशा निर्देश नहीं है।

उधर, बेंगलुरु में रविवार को हो रहे संत समागम के बारे में पूछे जाने पर येदियुरप्पा ने कहा कि संतों को किसी तरह की बैठक करने की जरूरत नहीं है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर भरोसा है।

संत समागम के आयोजन को येदियुरप्पा के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के तौर पर देखा जा रहा है। उनके स्थान पर दलित मुख्यमंत्री लाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वो इसके बारे में फैसला नहीं ले सकते हैं। यह फैसला आलाकमान करेगा। पहले यह देखना होगा कि वे आज क्या फैसला लेते हैं।

यह पूछने पर कि क्या वह अपने दो वर्षों के काम से संतुष्ट हैं तो उन्होंने कहा कि अगर आप संतुष्ट हैं तो मेरे लिए यह काफी है। गौरतलब है कि येदियुरप्पा ने हाल में कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व से 25 जुलाई को निर्देश मिलने के आधार पर वह 26 जुलाई से अपना काम शुरू करेंगे। उनकी सरकार 26 को अपने दो साल पूरे करेगी।

इस बीच, रविवार को यहां हो रहे विशाल संत समागम में कई संतों के भाग लेने की उम्मीद है, जो येदियुरप्पा को पद से हटाए जाने के भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के संभावित निर्णय के बीच हो रहा है। येदियुरप्पा बाढ़ एवं बारिश से प्रभावित बेलागावी जिले में राहत एवं बचाव अभियान की समीक्षा करने के लिए पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति का विश्लेषण करने के बाद बेंगलुरु वापस जाएंगे।