ओमप्रकाश ठाकुर

केद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गृह प्रदेश हिमाचल प्रदेश पहुंचे अनुराग ठाकुर अपनी पांच दिन तक चली जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान भाजपा के अब तक हाशिए पर धकेले गए खेमे को प्रदेश में होने वाले उपचुनावों से पहले सक्रिय कर गए हैं। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनका खेमा 623 किलोमीटर चला। इस यात्रा के दौरान जगह-जगह पर अनुराग के स्वागत में खूब भीड़ जुटाई और प्रदेश में यह अहसास करा दिया कि धूमल का जलवा अभी भी प्रदेश में बरकरार है।

केंद्र सरकार के निर्देशों पर आयोजित इस यात्रा के जरिए आलाकमान ने प्रदेश में आगामी चार उपचुनावों से पहले जनता की नब्ज जांचने का काम भी कर लिया। आलाकमान को तमाम तरह की रपट भेजी गई हैं। इस यात्रा के दौरान भीड़ जुटा कर प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा आलाकमान दोनों को संदेश भी दे दिया है कि चाहे उपचुनाव हो या 2022 के विधानसभा चुनाव, धूमल व उनके खेमे को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा।

इस जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान अनुराग अपने भाषणों से जनता को अपनी ओर ज्यादा आकर्षित नहीं कर पाए हैं। जो भीड़ जुटी भी उनमें अधिकांश धूमल समर्थक थे। यह अनुराग भी इन पांच दिनों में समझ चुके हैं। अनुराग को अभी अपनी अलग पहचान बनाने में समय लगेगा व यह तभी संभव हो पाएगी जब वह ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश में खेलों के लिए कुछ करने को लेकर भी उम्मीदें जगाई हंै। यह ठीक है कि उन्होंने धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम बना दिया लेकिन उसके पीछे प्रदेश की तत्कालीन धूमल सरकार का बहुत बड़ा हाथ रहा है। हालांकि वे इसका श्रेय खुद बटोर ले जाते हैं।

केंद्र में अभी उनको गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साथ मिल रहा है। इसकी अलग-अलग वजहें है। अनुराग के पास जो सबसे बड़ी चुनौती है वह है अपना जनाधार खड़ा करना। राजनीति में लंबे समय तक वही आगे बढ़ते रहे हैं जिनके पास जनाधार रहा है और जनाधार वही हासिल कर पाते है जो जनता की नब्ज जानने में माहिर होते हंै। अनुराग अभी आलाकमान की नब्ज पहचान पा रहे हैंैं।