दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अमृता धवन ने यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धक्कामुक्की शुरू कर दी। बकौल अमृता 200-300 पुलिसकर्मियों ने लोगों पर हमला बोल दिया और उनके कपड़े फाड़ डाले। उन्होंने मेरे भी कपड़े फाड़े हैं। हालांकि नोएडा पुलिस ने उनके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

कांग्रेस नेत्री ने गुरुवार को ट्वीट कर यूपी पुलिस के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा कि ‘योगी-मोदी के संस्कारों का प्रमाण है, ये ताकत दिखानी है तो अपराधियों पर दिखाओ। हमारा चीर हरण करके क्या हासिल होगा??? याद रखना द्रौपदी चीर हरण और सीता हरण का अंत कहां जाकर थम गया था।’

अपने ट्वीट के साथ उन्होंने एक ट्वीट भी रिट्वीट किया है। इसमें उनकी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा गया, ‘उत्तर प्रदेश पुलिस की आज की सबसे शर्मनाक घटना यह तस्वीर है जिसमें पुलिस ने दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अमृता धवन के कपड़े फाड़ दिए।’

अमृता धवन का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में उन्होंने कहा कि ‘यूपी पुलिस ने बदसलूकी की आज चरम सीमा पार कर दी। जब पुलिस राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर ले जा रही थी। हम उसका विरोध कर रहे थे। उस वक्त वहां पर 200-300 पुलिसकर्मी खड़े थे। उन्होंने पहले हमारे ऊपर लाठी मारी। हम लाठी से नहीं डरे। इसके बाद उन्होंने सभी के कपड़े पकड़कर खींचे। उन्होंने मेरे कपड़ों को भी हाथ लगाया।’

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस हमारे कपड़ों से खींचकर हमें ले गई। कांग्रेस नेत्री ने आरोप लगाया कि सीएम योगी के शासनकाल में महिलाओं की स्थिति अपमानजनक है। योगी-मोदी सरकार में महिलाओं का चीर हरण करने की कोशिश की गई है।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजन से मिलने जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें ग्रेटर नोएडा पर रोक लिया। इसके बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया। बकौल नोएडा एडीसीपी रणविजय सिंह यहां महामारी अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है। हाईकोर्ट की अवमानना हो रही है।