Haryana: किसानों द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन वापस लेने के एक साल के बाद, किसान निकायों (Farmer Bodies) ने 26 जनवरी 2023 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर हरियाणा के जींद में एक मेगा रैली की योजना बनाई है। इस रैली में हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के किसानों के भाग लेने की उम्मीद है।
Haryana के जींद में किसानों की बड़ी रैली
पंजाब और हरियाणा में जमीनी स्तर पर संगठनात्मक संरचना देने के लिए किसान निकायों ने कई ग्राम-स्तरीय इकाइयों का गठन किया है। हिसार के किसान नेता सुरेश कोठ का कहना है, “किसानों ने एक बड़े आंदोलन को शुरू करने के लिए एक मजबूत संगठन के महत्व को महसूस किया है। हमारे आंदोलन के बाद 1 दिसंबर, 2021 को रद्द किए गए कानूनों के जैसे ही दूसरे कानूनों को फिर से लाने का प्रयास किया गया था।”
तीन कृषि क़ानूनों के खिलाफ साल भर चले आंदोलन के दौरान भी हरियाणा का जींद किसानों की प्रभावशाली भागीदारी के साथ आंदोलन के एक केंद्र (Epicentre) के रूप में उभरा था। उसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए जींद हरियाणा में रैलियों के लिए एक आदर्श स्थान है। इसके अलावा, पंजाब से इसकी निकटता भी आयोजकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
Jind Rally में उठाए जाएंगे ये मुद्दे
रैली का आयोजन खेती से जुड़े मुद्दे को प्रमुखता से उठाने के लिए किया जाएगा। फसलों के MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने की मांग भी प्रमुखता से उठाई जाएगी। सूत्रों का कहना है कि किसान यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह को हटाने की भी मांग कर सकते हैं। जींद रैली में किसानों की ट्रैक्टर परेड भी निकाली जाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की किसान महापंचायत
संयुक्त किसान मोर्चा 26 जनवरी को हरियाणा के जींद में एक किसान महापंचायत का आयोजन करेगा। किसान 26 जनवरी को देशभर में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन करेंगे। राकेश टिकैत ने बताया था कि 26 जनवरी को हरियाणा के जींद में किसानों ने बड़ी रैली करने का निर्णय लिया है। इस रैली में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तक के किसान शामिल होंगे। वहीं बाकी राज्यों के प्रत्येक जिले में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। जींद के एक किसान नेता आजाद पलवा ने कहा, “दिसंबर 2021 में तीन कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन समाप्त करने के बाद 26 जनवरी की रैली हरियाणा में किसानों की सबसे बड़ी घटना होगी। रैली से पहले, गांवों में बैठकें आयोजित की जा रही हैं।”