Report by Pavneet Singh Chadha
VVIP village in Haryana : ”वे चुनाव के समय ही गांव आते हैं।” “इस गांव से सीएम बन गए, कई एमएलए भी बने, पर गांव में गरीबों के लिए कोई स्वास्थ्य की सुविधा नहीं…” ये बयान हरियाणा के सिरसा जिले (Sirsa District, Haryana) के “वीवीआईपी गांव” चौटाला (Chautala) की निवासी पन्ना देवी के हैं। इस गांव को भारतीय राजनीति की नर्सरी कहा जाता रहा है और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवी लाल (Devi lal) का गांव है।
VVIP गांव चौटाला में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी
देवी लाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) भी हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। गांव से कई मंत्री और विधायक भी रहे हैं। ये चौटाला गांव उन सबके पूर्वजों का घर है। इसके बावजूद यहां के लोगों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव बदस्तूर बरकरार है। कर्मचारियों और उपकरणों की कमी से ग्रस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) वाला यह वीवीआईपी गांव तेजी से एक अलग पहचान भी प्राप्त कर रहा है। गांव के लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से बाहर जाना पड़ता है और कई बार इसके चलते उनके जान पर बन आती है।
क्या है पन्ना देवी का मामला
चौटाला गांव (Chautala Village) की एक पीड़ित पन्ना देवी का ही मामला लें। पिछले साल 12 नवंबर की रात को उनकी 22 वर्षीय पोती विद्या देवी को प्रसव पीड़ा हुई और उसे घर से 30 किलोमीटर दूर डबवाली के सिविल अस्पताल ले जाया गया। वहां उसकी समय से पहले डिलीवरी हुई। परिजन ने बताया कि डबवाली में नर्सरी नहीं होने के कारण उसे सिरसा सिविल अस्पताल के हायर सेंटर रेफर (Refer) कर दिया गया। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि अगले दो-तीन हफ्तों तक उसे उचित इलाज नहीं मिल पाया।
उचित इलाज के अभाव में नवजात समेत चौटाला गांव की महिला की मौत
जच्चा-बच्चा को अग्रोहा और रोहतक के सरकारी अस्पतालों में रेफर किया गया और विशेषज्ञ डॉक्टरों और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी के कारण अंत में परिजन उसे जयपुर के सरकारी अस्पताल ले गए, जहां उसकी हालत बिगड़ती गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। प्रसव के कुछ दिनों बाद उसके नवजात बच्चे की भी रोहतक में मौत हो गई थी। पन्ना देवी ने आरोप लगाया कि अगर चौटाला गांव में उन्हें उचित प्राथमिक इलाज मिल गया होता तो शायद दोनों की जान बच जाती।
Health Agencies की जांच में सामने आई कई कमी
चौटाला में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के तहत क्षेत्र में “अंतर्गर्भाशयी भ्रूण मृत्यु (IUFD) / शिशु मृत्यु / मृत जन्म” के तीन मामलों और एक मातृ मृत्यु के बाद राज्य विभाग द्वारा शुरू की गई जांच में यह मामला सामने आया है। अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) और पंचकूला से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की एक टीम ने निरीक्षण के लिए जनवरी की शुरुआत में चौटाला के सीएचसी-सह-सिविल अस्पताल का दौरा किया और पीड़ितों के कुछ परिवारों के बयान दर्ज किए।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में जीते गांव के पांच नेता
विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस गांव के पांच राजनेताओं ने 2019 के चुनावों में राज्य विधानसभा में जगह बनाई। इनमें ऐलनाबाद से चुने गए इनेलो (INLD) के अभय चौटाला, जींद जिले के उचाना कलां से जीते जेजेपी (JJP) के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, बाधरा से चुनी गई दुष्यंत की मां नैना सिंह चौटाला, रनिया से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले इनेलो संरक्षक ओम प्रकाश चौटाला के भाई रंजीत चौटाला और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के एक पूर्व अधिकारी केवी सिंह के बेटे कांग्रेस के अमित सिहाग का नाम शामिल है।
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस ने उठाया मुद्दा
हाल ही में हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Haryana Assembly winter session) के शून्य काल के दौरान ‘वीवीआईपी’ गांव में खराब स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का मुद्दा उठाया गया था। डबवाली से कांग्रेस विधायक सिहाग ने कहा था, ‘इस सदन में इस वीवीआईपी गांव के पांच विधायक हैं। कई लोग अपने नाम के साथ इस गांव के नाम का भी इस्तेमाल करते हैं। यह बेहद शर्मनाक है कि इस गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Centre) में कुछ दिन पहले तीन गर्भवती महिलाओं ने अपने बच्चों को गर्भ में ही खो दिया। इस सीएचसी में कोई रेडियोग्राफर नहीं है, कोई बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है, कोई एक्स-रे मशीन नहीं है और यह केवल एक रेफरल स्थान बन गया है।”