देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लग रही है। न तो समय पर डॉक्टर मिल रहे हैं और न ही स्वास्थ्य सुविधाएं और एंबुलेंस ही उपलब्ध है। इससे लोगों की दिक्कतें बढ़ती जा रही है। कोरोना पीड़ित इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। झारखंड के रांची में एक सरकारी अस्पताल के बाहर कोरोना पीड़ित बुजुर्ग को लेकर पहुंची युवती डॉक्टरों से इलाज के लिए गुहा लगाती रही, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। इससे कुछ देर में पीड़ित बुजुर्ग की मौत हो गई।
झारखंड के हजारीबाग से रांची इलाज के लिए आए 60 साल के एक बुजुर्ग पवन गुप्ता ने सदर अस्पताल के गेट पर इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। उनकी बेटी और परिवार के अन्य लोग घंटों गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी डॉक्टर ने उनकी नहीं सुनी। दुखद बात यह है कि इस दौरान निरीक्षण के लिए आए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पीपीई किट पहनकर उसी अस्पताल में मौजूद थे। बेटी इलाज के लिए रोती रही। स्वास्थ्य मंत्री से भी चिरौरी करती रही, लेकिन वे सामने से निकल गए, उसकी तरफ देखे भी नहीं। उसके पिता की वहीं पर मौत हो गई।
https://twitter.com/abhishekangad/status/1382160285218131974
इस पर बेटी ने मंत्री को जमकर खरी-खोटी सुनाई। कहा कि ऐसे नेता केवल वोट के लिए राजनीति कर रहे हैं। क्या वे हमारे पिता को वापस कर सकते हैं।
बाद में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मीडिया से कहा कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार डॉक्टरों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार से मैं माफी मांगूंगा। इसके पहले स्वास्थ्य मंत्री ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल की व्यवस्था और कामकाज पर संतोष जताया था। कहा था कि सब कुछ अच्छा चल रहा है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य मंत्री केवल दौरा ही कर रहे हैं, उन्हें मरीजो और पीड़ितों की चिंता नहीं रही।