CBI Raid at Manish Sisodia House: आबकारी नीति मामले में शुक्रवार (19 अगस्त 2022) को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई की छापेमारी हुई। वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर का हवाला देकर सिसोदिया का बचाव किय़ा और केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए। इस मुद्दे पर एक टीवी डिबेट के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा पर ईडी की जांच चल रही थी, पर सीएम बनते ही फाइल बंद हो गयी।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा बीजेपी के पास एक ऐसी वॉशिंग मशीन है, ऐसी गंगा बह रही है जिसमें सारे पाप, सारे दाग सर्फ एक्सेल से धुल जाएंगे। येदियुरप्पा जी पर ईडी, सीबीआई की जांच चल रही थी, लेकिन अब गडकरी जी को हटाया जाएगा और येदियुरप्पा को लाया जाएगा संसदीय बोर्ड में। हिमंत बिस्वा सरमा पर ईडी की जांच चल रही थी, पर मुख्यमंत्री बनते ही फाइल बंद, मुंह बंद।”
इनके खिलाफ बोलेंगे तो एजेंसी है: कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, “मुकुल रॉय इनके पास आए तो फ़ाइल बंद, चले गए तो फ़ाइल दोबारा खुल गयी। ऐसे कितने नाम मैं गिनाऊं? बीजेपी जब आप जॉइन करते हैं तो सारे पाप, दाग धो कर, गंगा नहाकर, पुण्य-प्रताप से इनकी गोद में आकर बैठ जाते हैं। अगर इनके खिलाफ बोलेंगे तो जो एजेंसी है चाहे वो ईडी हो, सीबीआई या इनकम टैक्स, ये सब इनके नए फ्रंटल है।
सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा, “मेरे सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के फ्रंटल बड़े नाराज है, उनको घर बैठा दिया है और नए फ्रंटल्स से काम चला रहे हैं। विपक्ष के खिलाफ एजेंसियों के दुरुपयोग का नया कीटरिमान बीजेपी स्थापित कर रही है। इनको अगर लगता है कि गवर्नेंस का यही मॉडल है तो यही सही। अपना असली चाल-चरित्र सबको दिखाएं।”
चुनाव में इसकी कीमत चुकाई: बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सुप्रिया श्रीनेत के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “येदियुरप्पा पर केस 2011 में हुआ जब उनकी सरकार थी, हमने उसके बावजूद उनका इस्तीफा लिया और चुनाव में इसकी भारी कीमत चुकाई। जब उनपर सारे केस खत्म हो गए तब वो वापस आए, आज उनपर एक भी केस नहीं है।”
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “हिमंत बिस्वा सरमा पर कौन सा केस चल रहा है, मैं चुनौती देता हूं। बिना मतलब आकर कुछ भी अनर्गल बोलते रहना है। नेताओं पर तो आरोप लगते रहते हैं, प्रधानमंत्रियों पर आरोप कब लगा? पहली बार इंदिरा गांधी पर उसके बाद राजीव गांधी पर, उसके बाद नरसिम्हा राव पर। इतने आरोप लगे कि उनको प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद कोर्ट ऑफ लॉ में खड़ा होना पड़ा।”
