Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अब पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया है कि जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा के फैसले के खिलाफ सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर करेंगे।

दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या टिप्पणी की?

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में सिसोदिया को लेकर तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा, ‘दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम सिसोदिया के खिलाफ आरोप काफी गंभीर हैं। उनका इस मामले में व्यवहार भी सही नहीं रहा है। वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इनके पास 18 विभाग रहे। वो पूर्व डिप्टी सीएम रह चुके हैं, इसलिए उनको अभी जमानत नहीं दी जा सकती है।’

निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट गए थे सिसोदिया

सिसोदिया ने निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। निचली अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया था, जिसके बाद कोर्ट ने 11 मई को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सीबीआई ने कोर्ट में दिया था तर्क

सीबीआई की तरफ से एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट में कहा था कि एक सोची समझी-साजिश के तहत किया गया है। प्रॉफिट मार्जिन 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने को लेकर कोई नोट मौजूद नहीं है। इस पर कोई चर्चा नहीं है। उन्होंने कहा था कि फाइल में ब्याज दरों में वृद्धि का कारण शामिल होना चाहिए। जांच एजेंसी ने कहा कि यह थोक विक्रेताओं को इतना लाभ क्यों दे रहे हैं? ताकि इसके बदले उनको रिश्वत मिल सके। सीबीआई ने GOM की 22 मार्च की रिपोर्ट का जिक्र किया। सीबीआई ने कहा कि बुचिबाबू की 20 मार्च की चैट से अगर इसका मिलान करें तो सब कुछ एकदम साफ हो जाएगा कि दोनों में सीधा संबंध है।