Delhi Minister Gopal Rai: दिवाली के बाद देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर फिर से बढ़ने पर आप के मंत्री ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आनंद विहार और विवेक विहार का एयर क्लाविटी इंडेक्स सामने रखकर कहा कि यूपी की सरकारी बसों से निकलने वाला प्रदूषण राजधानी की हवा को जहरीला बना रहा है। राय ने कहा कि उनकी योगी आदित्यनाथ से अपील है कि वो इसको चेक करें।
उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए गोपाल राय ने कहा कि अगर रेड लाइन ऑन गाड़ी ऑफ का नियम लागू हो जाता तो दिल्ली के प्रदूषण में 14 से 20 फीसदी की कमी हो जाती, लेकिन एलजी विनय सक्सेना ने सरकार के उस फैसले को लागू नहीं होने दिया। ध्यान रहे कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पहले केजरीवाल सरकार पंजाब और हरियाणा की पराली को जिम्मेदार मानती थी, लेकिन पंजाब में अपनी सरकार बनने के बाद अब यूपी पर हमलावर है।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता रविवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही। शहर का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 था। केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने शनिवार को अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर में निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया, केवल आवश्यक परियोजनाओं और GRAP III के तहत अन्य प्रतिबंधों को छोड़कर।
शनिवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल सरकार से ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान पर पुनर्विचार करने को कहा था। वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फाइल लौटा दी थी और उनसे अभियान पर पुनर्विचार करने को कहा था। दिल्ली उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए गोपाल राय ने कहा कि अगर दिल्ली में ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान लागू किया गया तो वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में 15 से 20 फीसदी की कमी आएगी. लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अभियान को रोक दिया है।
एलजी द्वारा ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान पर फाइल लौटाने के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार उनके द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब देगी और उनकी मंजूरी के लिए फाइल को फिर से भेजेगी। गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल दिल्ली के लोगों की सांसों से राजनीति कर रहे हैं।
बता दें, ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान पहली बार 16 अक्टूबर, 2020 को शुरू किया गया था, जिसके तहत ड्राइवरों को ट्रैफिक लाइट के ग्रीन होने का इंतजार करते हुए अपने वाहनों को बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था, जो दिल्ली में वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए अभियान शुरू किया गया था। जो सर्दियों के मौसम में शहर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के प्रमुख चालकों में से एक है।