Covid-19 Lockdown: कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूर पैदल या निजी तौर पर वाहनों का इंतजाम कर अपने गृह नगर पहुंचने की कोशिश में जुटे हैं। ऐसा ही एक मामला हरियाणा के मानेसर में बास गांव से सामने आया है। जहां इस सप्ताह की शुरुआत में लगभग 60 प्रवासी मजदूरों ने एक-एक पैसा जमाकर 1.2 लाख रुपए का चंदा जमा किया और गांव लौटने के लिए 1.2 लाख रुपए में एक ट्रक किराए पर लिया।

लॉकडाउन के कारण काम ना होने के चलते इन मजदूरों को शहर में आजिविका चलाने के लिए खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इन मजदूरों ने किसी तरह घर पहुंचने का फैसला लिया। खबर के मुताबिक इन मजदूरों की एक स्थानीय ट्रक चालक से बात हुई जिसने पैसों के बदले में उन्हें बॉर्डर प्रतिबंधों को दरकिनार कर और पटना स्थित घर पहुंचाने में मदद का वादा किया।

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बीते मंगलवार की रात ये सामान और अपने बच्चों के साथ ट्रक में चढ़ गए, जहां मुश्किल से सांस लेने की जगह बची थी। सभी को उम्मीद थी कि वो अब अपने घर पहुंच जाएंगे। ट्रक गांव से बाहर निकला मगर गुरुग्राम से बाहर नहीं जा सका। पुलिस ने उन्हें रोक लिया और सभी को उतरने के लिए कहा। सभी रात में सड़क पर खड़े रहे और उस वाहन को देखते रहे जिसमें बैठकर उन्हें अपने गृह नगर तक पहुंचने की उम्मीद थी।

ट्रक में सवार में मजदूरों में से एक आयुष कुमार ने टीओआई को बताया कि समूह के लोगों ने पुलिस स्टेशन में रात गुजारी। सभी इस डर से बैचेन हैं कि जो पैसा उन्होंने चंदा करके जमा किया था वो अब डूब चुका है, चूंकि अब वो घर नहीं लौट सकते थे। कुमार ने कहा, ‘हमने ट्रक डाइवर को सबकुछ दे दिया और वो हमें छोड़कर फरार हो गया। मैंने बहुत से लोगों के बारे में सुना है जो ट्रक में सवार होकर घर पहुंचने में कामयाब हुए हैं, तो फिर हम क्यों नहीं जा सकते?’

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हालांकि बाद में पुलिस ने ट्रक ड्राइवर को पकड़ लिया। बुधवार सुबह तक पुलिस उससे सारी रकम वापस लेने में कामयाब रही और इसे मजूदरों को वापस सौंप दिया। ड्राइवर के खिलाफ लॉकडाउन का नियम तोड़ने का केस दर्ज किया गया है।

पैसे वापस मिलने से मजूदरों को थोड़ी राहत है मिली है हालांकि वो अभी भी अपने घर लौटना चाहते हैं। ऐसे ही एक मजदूर शाह कहते हैं, ‘हमारे पैसे वापस दिलाने के लिए हम पुलिस के शुक्रगुजार हैं। मगर अब हम यहां नहीं रहना चाहते, हम अपने घर लौटना चाहते हैं।’

इसी बीच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बिहार के लिए जाने वाली अगली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में मजूदरों को भेजने की व्यवस्था की जाएगी। बुधवार को प्रवासी मजदूरों को पहला जत्था गुड़गांव से रवाना हो चुका है। इनमें बिहार और मध्य प्रदेश जाने वाली स्पेशल ट्रेन शामिल हैं। अगले सप्ताह अधिक ट्रेनें जाएंगी।