सीबीआई ने पूर्वोत्तर रेलवे (वाराणसी मंडल) के लहरतारा स्थित DRM ऑफिस में छापा मारा। इस दौरान सीबीआई ने वरिष्ठ मंडल अभियंता (सीनियर डीईएन-द्वितीय) सत्यम सिंह को गिरफ्तार किया है।
अभियंता पर पटरी मरम्मत के भुगतान के एवज में ठेकेदार से दो लाख रुपए कमीशन मांगने का आरोप है। सीबीआई ने यह एक्शन ठेकेदार की शिकायत के बाद लिया। उधर देर रात रेलवे प्रशासन ने अभियंता को निलंबित कर दिया।
DRM ऑफिस में CBI की रेड, रेल अधिकारी को दबोचा; ठेकेदार से कमीशन मांगने का आरोप
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई की टीम मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे डीआरएम ऑफिस पहुंची थी। टीम सीधे वरिष्ठ मंडल अभियंता के कक्ष में पहुंची और कमरा बंद कराकर एक घंटे तक गहन पूछताछ की। लैपटॉप और मोबाइल कब्जे में ले लिया। साथ ही कई रजिस्टर कब्जे में लिएष करीब दो घंटे तक कार्रवाई के बाद अभियंता को हिरासत में लेकर उसके लखरांव (भेलूपुर) स्थित आवास पहुंची। यहां से भी सीबीआई टीम को लैपटॉम, कंप्यूटर और आलमारी की छानबीन की। टीम अभियंता को अपने साथ लखनऊ ले गई।
CBI की गिरफ्त में आया अभियंता मूल रूप से मिर्जापुर का रहने वाला है। वो इंडियन रेलवे इंजीनियरिंग सर्विसेज (IRS) से चयनित हुआ था। करीब दो साल से पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल कार्यालय में तैनात सत्यम औड़िहार से छपरा तक ट्रैक और बिल्डिंग मेंटीनेंस का काम देखता था। चर्चा है कि ट्रैक मरम्मत की एक फाइल उसने लंबे समय तक लटका रखी थी। भुगतान के एवज में वो संबंधित ठेकेदार से कमीशन की मांग कर रहा था।
सीबीआई ने उनके आवास की तलाशी में टीम ने 2.20 लाख बरामद किए हैं, सीबीआई टीम आरोपी इंजीनियर को लखनऊ ले गई है। अधिकारी के घर से कैश, आभूषण और लग्जरी आइटम सीबीआई की जांच में बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि एक ठेकेदार की शिकायत पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है, जिसके आधार पर अधिकारी के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं।
CBI टीम के पहुंचते ही हड़कंप
दैनिक भास्कर ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मंगलवार दोपहर सीबीआई की टीम DRM ऑफिस में पहुंची। टीम ने पहले गेट पर मौजूद RPF गार्ड से उस अधिकारी का नाम और कमरे का नंबर पूछा, जिसके खिलाफ शिकायत थी। इसके बाद टीम सीधे द्वितीय तल पर पहुंची और अधिकारी के कार्यालय में दाखिल होते ही गेट बंद कर दिया।
दोहरीकरण और री-मॉडलिंग की रिपोर्ट पर पूछताछ
सीबीआई की कार्रवाई का केंद्र पिछले साल पूरे हुए रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण और री-मॉडलिंग प्रोजेक्ट से जुड़ी रिपोर्ट रही। आरोप है कि इन परियोजनाओं के बिल पास करने के बदले अधिकारी द्वारा लंबे समय से कमीशन की मांग की जा रही थी।
लैपटॉप और दस्तावेजों की जांच
सीबीआई ने अधिकारी के कार्यालय से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, लैपटॉप, रजिस्टर और मोबाइल को अपने कब्जे में लिया है। टीम ने परियोजनाओं से जुड़ी कई फाइलों और रिकॉर्ड्स की जांच की है।
छापेमारी की खबर फैलते ही इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े अधिकारी और ठेकेदारों में हड़कंप मच गया। कई लोगों ने अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिए। डीआरएम कार्यालय में काम करने वाले कुछ अधिकारी और ठेकेदार भी दोपहर बाद कार्यालय से गायब हो गए। फिलहाल, सीबीआई द्वारा किसी अधिकारी के खिलाफ औपचारिक गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई है। मामले में कोई भी अधिकारी मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।