संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता और नंदीग्राम में महापंचायतों को आयोजन किया। इसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे और लोगों से आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देने का आग्रह किया। टिकैत ने पंचायत से ही कहा कि बंगाल के लोगों को संदेश है कि भारत सरकार ने देश को लूट लिया है उन्हें वोट नहीं करना..अपने बंगाल को बचाना। अगर कोई वोट मांगने आए तो उनसे पूछना कि हमारा एमएसपी कब मिलेगा, धान की कीमत 1850 हो गई है वो कब मिलेगी?

बता दें कि नंदीग्राम से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही है। उनके खिलाफ भाजपा की तरफ से क्षेत्र के कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी खड़े हैं। माना जा रहा है कि यहां दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला होगा। ऐसे में टिकैत का यह दौरा टीएमसी के लिए राहत देने वाला रहा। तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने हवाई अड्डे पर टिकैत की अगवानी की। इसके बाद टिकैत ने शहर में और पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ किसानों को संबोधित किया।

टिकैत का आरोप- किसानों की जमीन कॉरपोरेट को दे देगी भाजपा: टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार किसानों और उनके आंदोलन की रीढ़ तोड़ने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि यह ‘जन-विरोधी’ सरकार है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को वोट मत देना। अगर उन्हें वोट दिया गया तो वे आपकी जमीन बड़े कॉरपोरेट्स और उद्योगों को दे देंगे और आपको भूमिहीन बना देंगे। वे आपकी आजीविका दांव पर लगाकर देश के बड़े उद्योगपति समूहों को जमीन सौंप देंगे और आपको खतरे में डाल देंगे।’’

‘गैर-भाजपा पार्टी को समर्थन देना मकसद नहीं’: भाकियू नेता ने भाजपा को ‘धोखेबाजों की पार्टी’ कहते हुए कहा, ‘‘हम भाजपा का विरोध करने वालों और किसानों तथा गरीबों के साथ खड़े होने वालों के पाले में रहेंगे।’’उन्होंने स्पष्ट किया कि बंगाल में किसान महापंचायत का मतलब राज्य में किसी विशेष गैर-भाजपा पार्टी को समर्थन देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां किसी विशेष पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए नहीं आया हूं। हम यहां बंगाल में किसानों की ओर से भाजपा के खिलाफ लड़ाई शुरू करने के लिए अपील कर रहे हैं।’’

नंदीग्राम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन की यह भूमि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को एक नई दिशा देगी। दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन पर उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी लंबे समय तक अपना आंदोलन जारी रखने के लिए तैयार हैं, क्योंकि उनका उनका मनोबल ऊंचा है।