राजस्थान में महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय खोले जाने पर बीजेपी सांसद नरेंद्र कुमार का विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ये जनता के नहीं, गांधी परिवार के गुलाम हैं, हर चीज पर गांधी, अभी प्रदेश में जो विद्यालय खोले हैं। उनका नाम क्या है, वो भी गांधी, गांधीजी के नाम पर देश का भट्टा बैठा दिया।

इससे पहले 25 अप्रैल 2022 को बीजेपी सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़ की जुबान फिसल गई थी। उन्होंने खुद के अभिनंदन समारोह में भाजपा को उखाड़ फेंकने का आह्वान कार्यकर्ताओं से कर दिया था। सांसद के इस भाषण का किसी ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दिया था, लेकिन सबसे खास बात यही थी कि जब सांसद की जुबान फिसली उस वक्त मंच पर भाजपा के जिलाध्यक्ष और जिला प्रमुख समेत अन्य कई नेता मौजूद थे, जिन्होंने उन्हें टोका तक नहीं। सांसद नरेंद्र कुमार कई बार अपनी बयानबाजी लिए चर्चा में रहते आए हैं। लोकसभा के चुनाव में उन्होंने शराब बांट कर वोट मांगने की अपील की थी, जिसका भी वीडियो काफी वायरल हुआ था।

बता दें, राजस्थान में अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने को लेकर सरकारी स्तर पर कोशिश जारी है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार नए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले जाने को लेकर निदेशालय ने शिक्षा अधिकारियों से प्रस्ताव मांगे हैं।

सीएम अशोक गहलोत की साल 2022-23 की बजट घोषणा की अनुपालना में ग्रामीण क्षेत्रों में अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक हजार नए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले जाएंगे। इसको लेकर शिक्षा विभाग की स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। शनिवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों और समग्र शिक्षा अधिकारियों से इसको लेकर प्रस्ताव मांगे हैं।

सीएम अशोक गहलोत की ओर से बजट घोषणा में 5000 की आबादी पर अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले जाने की घोषणा के दो दिन पहले हुई शिथिलता का हवाला देते हुए अलग प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।

सरकार ने पांच हजार की आबादी के बजाए चार हजार की आबादी पर महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने की घोषणा की है। साथ ही उपयुक्त स्तर पर विद्यालय नहीं होने की दशा में तीन हजार की आबादी पर भी महात्मा गांधी स्कूल खोलने को लेकर सरकार ने सहमति दे दी है। इसी के साथ निदेशालय ने भी शनिवार को जारी आदेश में इसको लेकर शिक्षा अधिकारियों को अलग से प्रस्ताव देने के निर्देश दिए हैं।