बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव अपने खास अंदाज के लिए जाने जाते हैं। इस बार वह अपने यूनिक बिजनेस आइडिया को लेकर चर्चा में हैं। तेज प्रताप यादव ने अगरबत्ती का कारोबार शुरू किया है। दावा किया जा रहा है कि इन अगरबत्तियों में केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। राजद विधायक ने इस अगरबत्ती का नाम दिया है ‘L-R’ यानी कि लारजेस्ट रीच। हालांकि इस एल-आर में उनके माता-पिता के नामों की झलक भी मालूम पड़ती है, लालू-राबड़ी।

इसकी लॉन्चिंग के दौरान तेज प्रताप यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि मैं लंबे वक्त से पूजा पाठ करता रहा हूं और मुझे अगरबत्ती व इसकी खुशबू से खास लगाव है। उन्होंने कहा कि मुझे इस कारोबार की प्रेरणा दिल्ली के एक दोस्त से मिली, जो फूलों से अगरबत्ती बनाता है।

उन्होंने कहा कि तमाम मंदिरों में भगवान के लिए जो फूल चढ़ाए जाते हैं वो नदी तालाबों में बेकार चले जाते हैं, हम इन फूलों को एकत्रित करते हैं, फिर उसे सूखाते हैं और आखिर में पीसकर पाउडर बना लेते हैं। इस पाउडर में कई और सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके बाद अगरबत्ती तैयार होती है।

गौर हो कि तेज प्रताप यादव भगवान श्रीकृष्ण के भक्त माने जाते हैं। अक्सर उनके माथे पर लगा टीका और धार्मिक पर्वों पर उनकी आस्था चर्चा का विषय बनती है। उनके कारोबार में भी इसकी झलक देखने को मिल रही है। राजद विधायक की अगरबत्तियों का नाम भी भगवानों के नाम पर रखा गया है, जैसे कि कृष्ण लीला अगरबत्ती, विष्णु प्रिया, गंगा यमुना, वृंदा तुलसी और परिजात। इसके अलावा LR के जरिए धूप चंदन इत्र जैसी पूजा की सामग्रियां भी बेची जाएंगी।

बिहार की राजधानी पटना औक दानापुर जिले के लालू खटाल में इसका शोरुम बनाया गया है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खटाल का अर्थ होता है गौशाला, जहां बड़ी संख्या में गायों और भैंसों की देखभाल की जाती है। इसी खटाल में अगरबत्तियां बनाई जा रही हैं, और शोरुम के जरिए बेची जाएंगी।

तेज प्रताप ने अपने शोरुम को खास तरीके से सजाया है, यहां गाय की खूबसूरत मूर्ति है, जिसके साथ एक बछड़ा भी नजर आ रहा है। संभवत: यहां ममता को दर्शाने की कोशिश की गई है। इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल का चुनाव चिह्न लालटेन भी यहां दिखाई दे रहा है। साथ ही सांवले कृष्णा की मूर्ति को भी स्थापित किया गया है।