बिहार में दोनों चरणों के लिए नामांकन की आखिरी तारीख तो निकल चुकी है, लेकिन महागठबंधन में सीटों का पेंच अभी तक नहीं सुलझ पाया है। कांग्रेस महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का समर्थन कर सकती है। महागठबंधन अपनी कमज़ोरियों को दूर करने और जमीन पर उतरने की कोशिश कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि बुधवार को दोनों नेतृत्व में हुई बातचीत से मतभेद कम करने में मदद मिली है और अब दोस्ताना मुक़ाबला केवल कुछ सीटों तक सिमट सकता है। माना जा रहा है कि तेजस्वी को सीएम फेस घोषित करते ही महागठबंधन में सीटों की अड़चन दूर हो जाएगी।

23 अक्टूबर को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख

गुरुवार यानी 23 अक्टूबर को नामांकन वापस लेने की अंतिम समय सीमा है और इससे पहले महागठबंधन ने अभी तक सीटों के बंटवारे की घोषणा नहीं की है। 6 नवंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया की तारीख निकल चुकी है। पहले चरण में तीन ऐसी सीटें हैं, जहां महागठबंधन के दो प्रत्याशी आमने-सामने हैं।

हालांकि महागठबंधन में चुनावों के लिए संयुक्त प्रचार अभियान पर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दो रैलियों के साथ भाजपा के लिए चुनावी जंग की शुरुआत करने वाले हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने बुधवार को आरजेडी प्रमुख के आवास पर लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी के साथ बातचीत की।

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अल्लावरु को क्यों जिम्मेदार ठहरा रहे नेता?

कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु भी मौजूद थे, जिन्हें पार्टी के कई लोग बातचीत में आई इस उथल-पुथल के लिए ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। एक बड़ी अड़चन यह थी कि कांग्रेस तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करने में हिचकिचा रही थी, जबकि आरजेडी का चुनाव प्रचार ‘तेजस्वी सरकार’ के नारे पर केंद्रित था। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अब इस मुद्दे को छोड़ने को तैयार हो सकती है।

कांग्रेस ने सीटों के उचित वितरण पर भी ज़ोर दिया, चाहे वह संख्या के हिसाब से हो या गुणवत्ता के हिसाब से। इस गतिरोध के चलते महागठबंधन दलों ने कई सीटों पर एक-दूसरे के ख़िलाफ़ उम्मीदवार खड़े किए। कम से कम 6 सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी, चार सीटों पर सीपीआई और कांग्रेस और दो सीटों पर विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और आरजेडी आमने सामने हैं।

क्या नामांकन वापस लेंगे कुछ प्रत्याशी?

सूत्रों ने बताया कि इनमें से कुछ उम्मीदवार गुरुवार को अपना नामांकन वापस ले लेंगे, जिससे कुछ ही सीटों पर महागठबंधन के दो प्रत्याशी होंगे। आरजेडी नेतृत्व के साथ बैठक के बाद पटना में पत्रकारों से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा, “हमारी अच्छी चर्चा हुई। कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। सारे भ्रम दूर हो जाएंगे। महागठबंधन साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है। बिहार में 243 सीटें हैं। 5-10 सीटों पर दोस्ताना मुकाबला हो सकता है।”

लालू और तेजस्वी के साथ बैठक को गहलोत ने बताया सकारात्मक

अशोक गहलोत ने लालू और तेजस्वी के साथ अपनी बैठक को (जिसमें राबड़ी देवी भी मौजूद थीं) बेहद सकारात्मक बताया और कहा कि बिहार में हम पूरी तरह एकजुट है और मजबूती से चुनाव लड़ रहे है। उन्होंने भाजपा पर गठबंधन को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। अशोक गहलोत ने कहा, “उसने माहौल बिगाड़ने के लिए एक प्रायोजित अभियान चलाया। ऐसा माहौल बनाया गया मानो महागठबंधन में ही दरार पड़ गई हो।”

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बिहार में कांग्रेस के पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने आगे कहा, “243 सीटों पर स्थानीय नेताओं और समीकरणों के चलते कभी-कभी दोस्ताना मुक़ाबले जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। यह संख्या बहुत कम है। लेकिन मीडिया में इसे लेकर एक अभियान चलाया गया। असल में कोई समस्या ही नहीं है बिहार बदलाव चाहता है और लोग समझते हैं कि इंडिया गठबंधन की जीत देश और राज्य के हित में है।”

सीटों पर बातचीत बिना किसी समाधान के खिंचती चली गई और कांग्रेस के भीतर की बेचैनी खुलकर सामने आ गई। कुछ टिकट चाहने वालों ने अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और कांग्रेस बिहार विधायक दल के नेता शकील अहमद खान पर टिकट के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया। निजी बातचीत में कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री पद को लेकर आरजेडी के विरोध में अनावश्यक रुख़ को अल्लावरु की कॉर्पोरेट कार्यशैली और वोट अधिकार यात्रा के बाद आलाकमान की लापरवाही की आलोचना की। नेताओं का मानना है कि इसने महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया जहां एनडीए सरकार को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा था।

‘दोस्ताना मुकाबला’ किन सीटों पर?

वैशाली से राजद ने अजय कुशवाहा को और कांग्रेस ने संजीव सिंह को मैदान में उतारा है। कहलगांव से कांग्रेस के प्रवीण सिंह कुशवाहा का मुकाबला राजद के रजनीश भारती से है। नरकटियागंज में कांग्रेस के शाश्वत केदार पांडे का मुकाबला राजद के दीपक यादव से हो सकता है। सुल्तानगंज से राजद ने चंदन सिन्हा को मैदान में उतारा है और कांग्रेस के उम्मीदवार ललन यादव हैं। सिकंदरा (सु) से कांग्रेस के विनोद चौधरी का मुकाबला राजद के उदय नारायण चौधरी से हो सकता है।

इसके अलावा कांग्रेस और सीपीआई दोनों चार सीटों से चुनावी मैदान में लड़ सकती हैं। इन सीटों में बछवाड़ा, राजा पाकर (सु), करगहर और बिहारशरीफ शामिल है। बेलदौर सीट पर कांग्रेस और भारतीय समावेशी पार्टी के बीच मुकाबला हो सकता है, जबकि बाबूबरही में मुकेश सहनी की वीआईपी और राजद के बीच मुकाबला हो सकता है।