कोरोना संकट के बीच बिहार चुनाव को लेकर एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एनडीए के प्रमुख सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी और जदयू की तरफ से एक के बाद एक ऐसे बयान सामने आ रहे हैं जिससे लग रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के कुनबे एकजुट रखना मुश्किल होगा।
एनडीए के दूसरे सहयोगी और सरकार में प्रमुख हिस्सेदार जदयू ने लोजपा अध्यक्ष पर सीधे-सीधे निशाना साधा है। दोनों दलों के बीच टकराव उस समय बढ़ गया जदयू के वरिष्ठ नेता और मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोजपा प्रमुख चिराग पासवान की तुलना कालीदास से कर दी। चिराग पासवान की तरफ से राज्य में कोरोना टेस्टिंग कम होने के मुद्दा उठाए जाने पर ललन सिंह ने कहा कि वो क्या कहते हैं ये वो जानें, एक कालिदास भी थे, जिनके लिए प्रसिद्ध है कि, जिस डाल पर बैठे थे उसी को काटने लगे।
सिंह ने कहा कि जहां तक कोरोना संकट का सवाल है तो इस मामले में नीतीश कुमार बहुत संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में बिहार में प्रतिदिन 83,000 कोरोना टेस्ट हो रहा है। इसे अगले तीन दिनों में 1 लाख करने का लक्ष्य है। चिराग ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 राज्यों के मुख्यमंत्री से बात कर चुके हैं। बैठक में सामूहिक रूप से उन्होंने कहा कि कोरोना को देखते हुए टेस्टिंग को बढ़ाने की जरूरत है, यह तो सामान्य बात है। ललन सिंह ने कहा कि अब ये अलग बात है कि एलजेपी की कहीं पर निगाहें और कहीं निशाना है। राज्य सरकार की आलोचना के सवाल पर सांसद ललन सिंह ने कहा कि यूं भी कहा गया है कि निंदक नियरे राखिए आंगन कुटि छवाए।
वहीं, चिराग पासवान पहले भी एनडीए से अलग बगावती तेवर दिखा चुके हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में चिराग ने कहा कि था कि उनकी पार्टी राज्य के सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इतना ही नहीं लोजपा प्रमुख कोरोना संकट के बीच राज्य में चुनाव टाले जाने के पक्ष में हैं। चिराग ने राजद नेता तेजस्वी यादव के सुर में सुर मिलाते हुए कहा था कि कोरोना संकट में चुनाव कराने से आर्थिक रूप से से बोझ बढ़ेगा।