Bajrang Dal Row: कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ एंट्री मारी है। कांग्रेस ने 135 सीटों पर रिकॉर्ड जीत दर्ज गई है। वहीं भाजपा को 65 सीटों पर संतोष करते हुए सत्ता से बाहर होना पड़ा है। अब ऐसे में एक बात सबसे ज्यादा चर्चा में है कि क्या कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में बजरंग दल को बैन करेगी? क्योंकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंग दल को बैन करने का जिक्र किया था। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल की तुलना पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से की थी।

बजरंग दल को बैन करने को लेकर जब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ से सवाल किया गया तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया। कमलनाथ ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो संगठन नफरत फैलाते हैं। उन पर कार्रवाई करें।’ कमलनाथ ने कहा कि हम किसी पार्टी या दल को टॉरगेट नहीं कर रहे हैं। हम उसी को टॉरगेट करेंगे, जो सुप्रीम कोर्ट ने कहा है।

कमलनाथ ने मीडिया कर्मियों से कहा कि आप लोग बजरंग दल का नाम क्यों ले रहे। आप लोगों को लगता है कि कांग्रेस बजरंग दल को टॉरगेट कर रही है। आप इसीलिए यह सवाल पूछ रहे हैं। नहीं तो यह सवाल आप लोग नहीं पूछते। उन्होंने मीडिया कर्मियों से कहा कि आप लोग खुद स्वीकार कर रहे हैं कि यह लोग (बजरंग दल के लोग) हिंसा कर रहे हैं।

संगरूर कोर्ट ने मल्लिकार्जुन खड़गे को जारी किया समन

इससे पहले सोमवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बजरंग दल पर टिप्पणी मामले में पंजाब की संगरूर कोर्ट ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को समन जारी किया है। खड़गे को यह समन हिंदू सुरक्षा परिषद के संस्थापक और संगरूर निवासी हितेश भारद्वाज द्वारा दायर याचिका पर जारी किया गया है।

हिंदू सुरक्षा परिषद के संस्थापक ने कर्नाटक चुनावों के दौरान बजरंग दल के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के मामले में खड़गे के खिलाफ 100 करोड़ रुपए का मानहानि का मामला दायर किया था। जिसको लेकर संगरूर कोर्ट के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रमनदीप कौर की कोर्ट ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 10 जुलाई को तलब किया है। बता दें, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बजरंग दल से लेकर बजरंगबली तक खूब बयानबाजियां हुई थीं।