प्रयागराज में गंगा, जमुना, सरस्वती का संगम है। इसलिए इसे मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है। इलाहाबाद में हाईकोर्ट और विश्वविद्यालय होने के कारण प्रयागराज को न्याय और शिक्षा का मुख्य केंद्र माना जाता है। यहां के विश्वविद्यालय से आइएएस, आइपीएस, आइएफएस के साथ सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और जज अध्ययन कर निकलते हैं। देश के दो प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और विश्वनाथ प्रताप सिंह का सरोकार भी इलाहाबाद से रहा है।
प्रयागराज में 12 विधानसभा सीटें हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 8, बसपा 2, सपा और अपना दल को एक- एक सीटें मिली थीं। 2012 के विधानसभा चुनाव में इसके विपरीत सपा 8, बसपा 3 और कांग्रेस को एक सीट मिली थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का खाता तक नहीं खुला था।
2017 के विधानसभा चुनाव में फाफामऊ सीट से विक्रमादित्य मौर्य भाजपा 83239 वोट, सोरांव डॉ जमुना सरोज अपना दल 77814 वोट, फूलपुर प्रवीण पटेल भाजपा 93912 वोट, प्रतापपुर मुजतफा सिद्दीक़ी बसपा 66805 वोट, हंडिया हाकिम लाल विंद बसपा 72446 वोट,मेजा नीलम कटारिया भाजपा 67806 वोट,करछना उज्जवल रमण सिंह सपा 80806 वोट, इलाहाबाद पश्चिमी सिद्धार्थ नाथ सिंह भाजपा 85518 वोट, इलाहाबाद उत्तरी हर्षवर्धन वाजपेयी भाजपा 89191 वोट, इलाहाबाद दक्षिणी नंदगोपाल नंदी भाजपा 93011 वोट,बारा डॉ अजय भारती भाजपा 79209 वोट, और कोरांव विधानसभा सीट से भाजपा के राजमणि कोल 100,427 वोट से विधायक बने थे।
2012 के विधानसभा चुनाव में फाफामऊ से अंसार अहमद सपा, सोरांव सत्यवीर मुन्ना सपा, फूलपुर सइद अहमद सपा, प्रतापपुर विजया यादव सपा, हंडिया महेश नारायण सिंह सपा,मेजा गिरीश पांडेय सपा, करछना दीपक पटेल बसपा, इलाहाबाद पश्चिमी पूजा पाल बसपा, इलाहाबाद उत्तरी अनुग्रह नारायण सिंह कांग्रेस, इलाहाबाद दक्षिणी हाजी परवेज सपा,बारा डॉ अजय भारती सपा, कोरांव राजबली बैजल बसपा के विधायक चुने गए थे।