अजय पांडे

आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल चाहते थे कि रघुराम राजन, कैलाश सत्यार्थी या शरद यादव जैसी कोई बड़ी शख्सीयत राज्यसभा में पार्टी की नुमाइंदगी करे। पार्टी ने ऐसे 18 बड़े लोगों का मन टटोला भी, लेकिन इनमें से कोई भी केजरीवाल की पार्टी से जुड़ने को तैयार नहीं हुआ। अब पार्टी ने जिस सुशील गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है वे एक महीना पहले तक दिल्ली कांग्रेस के व्यापारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष थे। उनको टिकट देने के मामले में आम आदमी पार्टी पर करोड़ों रुपए के लेनदेन के आरोप लगाए जा रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वीकार किया कि बड़े लोगों ने आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया। सिसोदिया ने इस बारे में पूछने पर कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल चाहते थे कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों के बड़े नामों को पार्टी से जोड़ा जाए और तीन बड़े लोगों को राज्यसभा में पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाए। लेकिन मीडिया, न्यायपालिका, नौकरशाही, शिक्षा जगत आदि से जुड़े ऐसे तीन दर्जन लोगों ने पार्टी की पेशकश को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन वजह यह बताई कि ज्यादातर लोग इस डर से तैयार नहीं हुए कि आम आदमी पार्टी से जुड़ने पर केंद्र सरकार उन्हें तंग करना शुरू कर देगी।

सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने रिजर्व बैंक के चर्चित पूर्व गर्वनर रघुराम राजन से राज्यसभा का उम्मीदवार बनने के लिए संपर्क किया था। लेकिन उनके कार्यालय ने इस पेशकश को साफ ठुकरा दिया। आम आदमी पार्टी ने इस हकीकत को स्वीकार किया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इसके बाद पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर, राजनेता शरद यादव, यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, कैलाश सत्यार्थी सहित करीब 35 लोगों से संपर्क किया था, लेकिन इनमें से कोई भी पार्टी का उम्मीदवार बनने को तैयार नहीं हुआ।
दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने ट्वीट कर दावा किया कि सुशील गुप्ता जब 28 नवंबर को उनके पास अपना इस्तीफा देने आए तो वजह पूछने पर उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में भेजने का वादा किया है इसीलिए वे कांग्रेस छोड़ रहे हैं। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा-आप तो राजनीति का रंग बदलने आए थे, लेकिन आप पर ही राजनीति का रंग चढ़ गया। पार्टी नेताओं की मानें तो गुप्ता ने यह भी कहा था कि अगर उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा गया तो तो वे दोबारा कांग्रेस का दरवाजा खटखटाएंगे। दूसरी ओर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी व प्रवेश वर्मा ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन पर करोड़ों रुपए लेकर राज्यसभा टिकट बेचने का आरोप लगाया।

आम आदमी पार्टी से बाहर किए जा चुके योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया-पिछले तीन साल में मैंने न जाने कितने लोगों से कहा कि अरविंद केजरीवाल में और जो भी दोष हों, कोई उन्हें खरीद नहीं सकता। इसलिए कपिल मिश्रा के आरोप को मैंने खारिज किया। आज समझ नहीं पा रहा हूं कि क्या कहूं। हैरान हूं, स्तब्ध हूं, शर्मसार भी। पार्टी नेता प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट कर आम आदमी पार्टी द्वारा तय किए गए उम्मीदवारों को लेकर पार्टी की कड़ी आलोचना की। कुमार विश्वास ने एक ट्वीट में याद दिलाया कि ये वही सुशील गुप्ता हैं जो 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर आम आदमी पार्टी उम्मीदवार चांदना के खिलाफ चुनाव लड़े थे। कुमार विश्वास की तरह पार्टी ने पत्रकार आशुतोष को भी इस मामले में निराश किया। हालांकि केजरीवाल के करीबियों का कहना है कि कुमार विश्वास व आशुतोष लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। जबकि संजय सिंह ने कोई चुनाव नहीं लड़ा और खुद को संगठन की गतिविधियों तक सीमित रखा।