अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के मामले में चल रहे केस को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि “सुशांत के परिवार ने मामले को आगे बढ़ाने के लिए एक वरिष्ठ अधिवक्ता को लगाया है। इसलिए मैं अलग से प्रयास नहीं करना चाहता हूं। इस मामले को सीबीआई को उठाने के बाद मेरी जरूरत नहीं है। सीबीआई प्रशासनिक रूप से पीएमओ के अधीन है। लिहाज इस बारे में अब उन्हीं से पूछा जाए।”
उन्होंने यह बात ट्वीट करके बताया। सुशांत सिंह राजपूत के लिए न्याय की मांग को लेकर ट्विटर पर चल रहे कई तरह के मुहिम के तहत लोगों ने पीएमओ को टैग कर उनसे पूछा था कि केंद्रीय एजेंसियों की ओर से जवाबदेही कब तय होगी, जिन पर लोगों का अब भी विश्वास है? इसमें यह भी पूछा गया था कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के लिए मुख्य प्राथमिकी में CBI धारा 302 कब दर्ज करेगी?
इसके जवाब में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि “मैंने कई बार ट्वीट किया है कि धारा 302 का मामला दर्ज करने के लिए फाइल सीबीआई के पास है। सीबीआई पीएमओ के प्रशासनिक नियंत्रण में है।” बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत 14 जून 2020 की दोपहर मुंबई के बांद्रा स्थित अपने आवास पर मृत पाये गए थे। मुंबई पुलिस के अनुसार उन्होंने पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या की। उनके अनुसार वे पिछले छह महीने से अवसाद में थे। उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्टों के अनुसार उनकी मृत्यु “दम घुटने” से हुई थी।
उधर, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले से जुड़े ड्रग्स केस में आरोपी अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को मुंबई की अदालत ने सशर्त विदेश जाने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने कहा कि अभिनेत्री को अबू धाबी के इंडियन एंबेसी जाकर रोजाना हाजिरी लगानी होगी और उस हाजिरी की शीट को 6 जून को कोर्ट के सामने पेश करना होगा। इसके साथ ही उन्हें एडिशनल सिक्योरिटी के रूप में कोर्ट की रजिस्ट्री में 1 लाख रुपए जमा करने होंगे।
रिया की तरफ से उनके वकील ने कोर्ट को बताया था कि आईफा के निदेशक और सह-संस्थापक ने रिया को ग्रीन कार्पेट पर चलने और 3 जून 2022 को एक पुरस्कार देने और 4 जून 2022 को मुख्य पुरस्कार समारोह के दौरान एक बातचीत की मेजबानी करने के लिए बुलाया है।
रिया को NCB ने ड्रग्स मामले में गिरफ़्तार किया था और इसी वजह से उसका पासपोर्ट भी जमा किया गया था। रिया के वकील ने कोर्ट में अर्जी दी थी की रिया को IIFA अवॉर्ड के लिए 2 जून से लेकर 8 जून तक आबू धाबी जाना है, जिसके लिए उन्हें उनका पासपोर्ट दिया जाए।