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भारत विविधताओं से भरा देश है, जहां अनेक धर्मों के लोग निवास करते हैं। हिंदू धर्म भारत में प्रमुख धर्म है, और इसी कारण देश में हजारों की संख्या में मंदिर स्थित हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में सबसे अधिक मंदिर किस राज्य में हैं? (Photo Source: Pexels)
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इस राज्य में है सबसे अधिक मंदिर
अगर आपका जवाब उत्तर प्रदेश या मध्य प्रदेश है, तो आप गलत हैं। दरअसल, भारत में सबसे अधिक मंदिरों वाला राज्य तमिलनाडु है। इसे ‘मंदिरों का राज्य’ भी कहा जाता है, क्योंकि यहां छोटे-बड़े करीब 40,000 मंदिर मौजूद हैं। इनमें से कई मंदिर प्राचीन काल के हैं और उनका ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व है। (Photo Source: Pexels) -
तमिलनाडु क्यों है मंदिरों का राज्य?
तमिलनाडु के मंदिरों का इतिहास हजारों साल पुराना है। तमिलनाडु में मंदिर निर्माण की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। यह राज्य चोल, पांड्य और विजयनगर साम्राज्य जैसे महान शासकों की भूमि रहा है, जिन्होंने भव्य मंदिरों का निर्माण कराया, जिनमें से कई आज भी श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बने हुए हैं। (Photo Source: Pexels) -
इन मंदिरों में स्थापत्य कला और मूर्तिकला के सुंदर उदाहरण देखने को मिलते हैं। यहीं वजह है कि यह राज्य अद्भुत मंदिर स्थापत्य, धार्मिक परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इसके साथ ही यहां हिंदू धर्म के प्रति लोगों की गहरी आस्था देखने को मिलती है। (Photo Source: Pexels)
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तमिलनाडु के प्रसिद्ध मंदिर
तमिलनाडु में कई ऐतिहासिक और प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं, जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। कुछ प्रमुख मंदिर इस प्रकार हैं:
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मीनाक्षी मंदिर (मदुरै)
यह भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है, जिसका इतिहास करीब 3,500 साल पुराना बताया जाता है। यह मंदिर माता पार्वती (मीनाक्षी) और भगवान शिव (सुंदरेश्वर) को समर्पित है। इस मंदिर की नक्काशी और भव्य गोपुरम (मुख्य प्रवेश द्वार) इसकी स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण हैं। (Photo Source: Pexels) -
रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम)
यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हिंदू धर्म में इस मंदिर का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे रामायण से जोड़ा जाता है। माना जाता है कि भगवान राम ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। इसका विशाल गलियारा और पवित्र कुंड इसे अत्यंत पावन बनाते हैं। (Photo Source: Pexels) -
नटराज मंदिर (चिदंबरम)
यह मंदिर भगवान शिव के नटराज स्वरूप को समर्पित है। यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम की उत्पत्ति मानी जाती है। (Photo Source: Pexels) -
कपालीश्वर मंदिर (चेन्नई)
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और तमिल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह चेन्नई के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां प्रतिवर्ष हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं। (Photo Source: Pexels) -
बृहदेश्वर मंदिर (तंजावुर)
इसे ‘बड़ा मंदिर’ भी कहा जाता है और यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है। इसका निर्माण चोल शासक राजराज चोल प्रथम ने 11वीं शताब्दी में करवाया था। यह भारत के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक है। (Photo Source: Pexels) -
भारत में मंदिरों का महत्व
भारत में मंदिर न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि वे भारतीय संस्कृति, वास्तुकला और इतिहास के भी प्रतीक हैं। मंदिरों का महत्व कई पहलुओं में देखा जा सकता है:
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धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में मंदिरों को देवताओं का निवास स्थान माना जाता है, जहां भक्त अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं। (Photo Source: Pexels) -
सांस्कृतिक महत्व
मंदिरों की वास्तुकला, मूर्तिकला, शिल्प और भित्तिचित्र भारतीय संस्कृति की समृद्ध धरोहर को दर्शाते हैं। इनमें शास्त्रीय नृत्य, संगीत और धार्मिक ग्रंथों की परंपरा भी जीवंत बनी रहती है। (Photo Source: Pexels) -
सामाजिक महत्व
मंदिर सामाजिक मेल-जोल का स्थान होते हैं, जहां लोग एकत्र होकर धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। कई मंदिरों में भंडारा, शिक्षण संस्थान और समाज सेवा के अन्य कार्य भी किए जाते हैं। (Photo Source: Pexels)
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