पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने बताया कि मराठा आरक्षण और मेट्रो कारशेड को लेकर केंद्र और राज्य के बीच जो तनाव है उसे लेकर पीएम के साथ बात हुई। इसके अलावा फसल बीमा को लेकर राज्यों की समस्या को उन्होंने पीएम के सामने रखा। उनका कहना है कि मोदी ने विश्वास दिलाया है कि अधिकारियों से बात कर इस दिशा में कोई ठोस समाधान तलाश करेंगे।

प्रेस कांफ्रेंस में उद्धव ने कहा कि ताउते तूफान से पहले एक और तूफान हम झेल चुके हैं। एनडीआरएफ के प्रावधानों को ठीक करने की जरूरत है। एनडीआरएफ की तरफ से जो पैसा आता है वो राज्यों को कम मिल पाता है। एनडीआरएफ के प्रावधान पुराने हैं इन्हें बदलने की मांग की। इसके अलावा मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार मेटूो कार शेड को कंजुर स्थानांतरित करना चाहती है। राज्य और केन्द्र दोनों उसे अपनी जमीन बताते हैं। पीएम हाउस में ठाकरे की पीएम से मुलाकात के दौरान डिप्टी सीएम अजीत पवार और कैबिनेट मंत्री अशोक चव्हाण भी मौजूद रहे। अजित पवार ने बैठक के बाद कहा कि मुलाकात अच्छी रही। पीएम से अपील की गई थी कि केंद्र सरकार मराठा आरक्षण पर जल्दी कोई सार्थक फैसला दे। ठाकरे ने कहा, मराठा आरक्षण, मेट्रो के कार शेड, जीएसटी मुआवजे से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री से बातचीत की।

पवार ने कहा कि जीएसटी मुआवजे से जुड़े मुद्दे पर भी बातचीत हुई। पवार महाराष्ट्र के वित्त मंत्री भी हैं। ठाकरे ने कहा कि मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का मामला भी केन्द्र के समक्ष लंबित है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया है। इससे पहले, प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया था- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उप मुख्यमंत्री अजित पवार और मंत्रिमंडल के सदस्य अशोक चव्हाण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

हालांकि, मामला तब सरगर्म हो गया जब उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से बातचीत के लिए अलग से 10 मिनट का वक्त मांगा। पीएम की सहमति के बाद दोनों की मुलाकात हुई। अकेले में पीएम से मीटिंग के सवाल पर उद्धव ने कहा कि इसमें छिपाने जैसी कोई बात नहीं है। वो नवाज शरीफ से अकेले में बात नहीं करने गए बल्कि देश के पीएम से मिले थे। उधऱ, इस बैठक के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि उद्धव ने अकेले में मुलाकात कर बीजेपी के साथ रिश्ते बेहतर बनाने की कोशिश की है। दोनों नेताओं के बीच आखिरी बातचीत बीते मई महीने में हुई थी। इस समय मराठा आरक्षण का मुद्दा भी गरम है। पिछले महीने उद्धव ने इस संबंध में पीएम को चिट्ठी भी लिखी थी। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला था।

शुभेन्दु अधिकारी ने अमित शाह से की मुलाकात

उधर, एक अन्य घटनाक्रम में पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं भाजपा विधायक शुभेन्दु अधिकारी ने मंगलवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। विपक्ष का नेता बनने के बाद शाह से अधिकारी की यह पहली मुलाकात थी। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया से भी मुलाकात की। वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात करेंगे।

सूत्रों ने बताया कि अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल में इस साल मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक कड़े मुकाबले में मात दी थी। गौरतलब है कि मोदी और ममता के बीच चक्रवाती तूफान ‘यास’ के कारण हुए नुकसान की समीक्षा को लेकर हुई बैठक में अधिकारी की मौजूदगी से तृणमूल नेता नाराज हो गईं थी। इसके कुछ दिनों बाद ही अधिकारी भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी उक्त बैठक में देर से पहुंची थीं और चक्रवात के नुकसान संबंधी रिपोर्ट देकर वहां से चली गई थीं।