केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने केरल में वाम दलों पर आरएसएस,भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्से के लोग दक्षिणी राज्य में इस उत्पीड़न से वाकिफ नहीं हैं क्योंकि यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर उजागर नहीं हुआ है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रिजीजू ने केरल में आतंक के राज से बिना हथियार उठाए ऐसे समय मुकाबला करने के लिए आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं की सराहना की जब प्रदेश के कुछ युवा राजनीतिक कट्टरपंथ की ओर बढ़े हैं। वह परोक्ष रूप से आइएस का जिक्र कर रहे थे।

रिजीजू ने कहा, ‘वाम के केंद्रीय नेतागण लोकतांत्रिक समाज में मूल्यों, आदर्शों और मानवाधिकार पर चर्चा में सबसे आगे होते हैं। वे कानून के शासन के बारे में बात करते रहते हैं। लेकिन जब हम वास्तविकता देखते हैैं, तो यह दुखद है। उन्होंने कहा कि वाम कार्यकर्ताओं की ओर से केरल में किए गए उत्पीड़न पर राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान देने और चर्चा करने की जरूरत है। लेकिन इसे राष्ट्रीय मीडिया में कभी वैसी जगह नहीं मिली, जैसी मिलनी चाहिए थी। यही वजह है कि हमारे देश में कई लोगों को नहीं पता है कि केरल में क्या हो रहा है।

उन्होंने यह टिप्पणी एनजीओ नवोदयम के एक दिवसीय सेमिनार में की। इस एनजीओ का गठन आरएसएस सदस्य पी परमेश्वर ने किया है। रिजीजू ने कहा कि जिन लोगों को वहां की जमीनी स्तर तक पहुंच है, वे जानते हैं कि वहां क्या हो रहा है। आइएस का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि लोग आर्थिक कारणों से राजनीतिक कट्टरपंथ की ओर आकर्षित नहीं हो रहे हैं बल्कि वे वैचारिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने इसे दुखद बताया।

उन्होंने दावा किया कि आरएसएस, भाजपा कार्यकर्ताओं के एक खास राजनीतिक समूह के हाथों क्रूरता का सामना करने की खबरें अक्सर सुनी जाती हैं। उन्होंने कहा कि फिर भी कार्यकर्ता प्रतिकूल स्थितियों का सामना कर रहे हैं। कार्यक्रम को भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य वी मुरलीधरन, कम्युनिस्ट मार्क्सिस्ट पार्टी (सीएमपी) के महासचिव सी पी जॉन, आरएसएस कार्यकर्ता सदानंदम मास्टर और लेखक अदवैत कला ने भी संबोधित किया।

रिजीजू ने कहा कि अगर केरल में कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया तो उनका मंत्रालय उनकी मदद करेगा। उन्होंने भाजपा के खिलाफ असिहष्णुता के आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर काफी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया फिर भी उन्होंने या पार्टी ने जवाब नहीं दिया। जॉन ने कहा कि माकपा और अन्य वाम दलों के नेता दिल्ली में लोकतंत्र और केरल में फासीवाद की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि दोहरी बात का पर्दाफाश किया जाना चाहिए।