पश्चिम बंगाल के बाद त्रिपुरा में भी राजनीतिक हिंसा की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। 2023 में होने वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी टीएमसी ने त्रिपुरा में भाजपा पर राजनीतिक हिंसा करने का आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि पिछले दिनों तृणमूल कार्यकर्ताओं पर हुए हमले को केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश पर अंजाम दिया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में अभिषेक बनर्जी की जान भी खतरे में थी।

कोलकाता के एसएसकेएम में घायल तृणमूल कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि त्रिपुरा, असम, उत्तर प्रदेश और जहां भी भाजपा सत्ता में है, वहां वह अराजक सरकार चला रही है। हम अभिषेक और हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ केन्द्रीय गृह मंत्री की मदद के बिना ऐसे हमलों को अंजाम नहीं दिया जा सकता। इन हमलों के पीछे उन्हीं का हाथ है, जिन्हें त्रिपुरा पुलिस की मौजूदगी में अंजाम दिया गया और वह मूकदर्शक बनी बनी हुई थी। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री में ऐसे हमलों के निर्देश देने की हिम्मत नहीं है।

शनिवार को तृणमूल सदस्यों ने आरोप लगाया था कि जब वे त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से धर्मनगर की तरफ जा रहे थे तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनपर हमला कर दिया। जिसमें कई नेता घायल हो गए थे. तृणमूल कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठी तथा घातक हथियारों से हमला करने और वाहन पर पत्थर फेंकने का आरोप लगाया था। जिसके बाद भाजपा और टीएमसी समर्थकों का आमना-सामना हुआ और पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

बाद में त्रिपुरा पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के करीब 14 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था जिसमें “खेला होबे” गाना गाने वाले देबांग्शु भट्टाचार्य भी शामिल थे। त्रिपुरा पुलिस ने कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में तृणमूल कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। कार्यकर्ताओं के गिरफ्तार होने से नाराज सांसद अभिषेक बनर्जी भी त्रिपुरा के खोवई पुलिस स्टेशन पहुंच गए और करीब 7 घंटे तक पुलिस स्टेशन में भी बैठे रहे।

गिरफ्तार करने के 7 घंटे बाद पुलिस ने गिरफ्तार किए गए सभी कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया। जिसके बाद अभिषेक बनर्जी ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लब देव पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया और कहा कि आप कोशिश कर सकते हैं लेकिन आपके सारे संसाधन कम पड़ जाएंगे।