अपने तीसरे बंगाल दौरे पर गए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भाषण पूरा करने के लिए मंच बदलना पड़ा। दरअसल, जिस मंच पर वह पहले मौजूद थे, उसके माइक में खराबी आ गई थी। इस वजह से उन्हें दूसरे मंच पर जाना पड़ा। नड्डा ने दूसरा माइक संभालते ही कहा, मंच बदल सकता है, इरादे नहीं बदलते। योजनाएं कितनी भी करो रोकने की, रोक नहीं सकते। इस दौरान भीड़ ने जमकर उनके पक्ष में नारे लगाए।

जेपी नड्डा मंगलवार को बीरभूमि में रैली को संबोधित करने के लिए आए थे। नड्डा पहली बार दिसंबर में बंगाल दौरे पर गए थे। दूसरी बार वह जनवरी में बंगाल गए थे। दिसंबर में नड्डा के काफिले पर कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था। हमले में पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत कई नेता घायल हुए। भाजपा नेताओं ने हमले के लिए टीएमसी को जिम्‍मेदार ठहराया जबकि ममता बनर्जी ने इसे भाजपा की नौटंकी करार दिया था। तब केंद्र ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की थी।

उधर, बर्धमान में एक अन्य कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि वो किसानों को लूटकर उनकी जमीन ले जाएंगे। किसान मेहनत से खेत में अपनी फसल बोएगा और उसकी देखभाल करेगा, लेकिन वो उसका सब कुछ छीनकर ले जाएंगे।

ध्यान रहे कि बंगाल चुनाव को बीजेपी बहुत गंभीरता से ले रही है। रविवार पीएम नरेंद्र मोदी बंगाल में थे। बीते 16 दिनों के भीतर वह दूसरी बार बंगाल के दौरे पर गए थे। इस दौरान मोदी ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बंगाल में आप दीदी से अपने अधिकार की बात पूछ देंगे तो वो नाराज हो जाती हैं। यहां तक कि भारत माता की जय के नारे लगा दो, तो भी वो नाराज हो जाती हैं, लेकिन देश के खिलाफ बोलने वाले कितना भी जहर उगल दें, दीदी को गुस्सा नहीं आता।

इससे पहले पराक्रम दिवस पर नेताजी से जुड़े एक कार्यक्रम में जय श्रीराम के नारे लगने से नाराज ममता बनर्जी ने आगे बोलने से इनकार कर दिया था। ममता ने बमुश्किल एक मिनट का भाषण दिया और मंच पर पीएम के बगल में जाकर बैठ गईं। नाराज ममता ने कहा कि सरकारी कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया गया है। किसी का अपमान करना ठीक नहीं है। ममता ने कहा, सरकारी कार्यक्रम की गरिमा होनी चाहिए। यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है।