उत्तर प्रदेश में 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी काफी सक्रिय नजर आ रही हैं। बता दें कि प्रियंका 31 अक्टूबर रविवार को गोरखपुर के चंपादेवी पार्क में प्रतिज्ञा रैली को संबोधित करने पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने अपनी आठ प्रतिज्ञा दोहराई। गौरतलब है कि प्रियंका ने लोगों के सामने जो चुनावी वादे किए हैं, उनको लेकर जो आंकड़ें हैं, उससे इन वादों का पूरा होना मुश्किल है।

आखिर वो पेंच क्या है, ये बताने से पहले जान लेते हैं कि प्रियंका गांधी की वो प्रतिज्ञाएं क्या हैं?

20 लाख युवाओं को सरकारी रोजगार देने का वादा
इंटर पास लड़कियों को मोबाइल और ग्रेजुएशन पास करने वाली छात्राओं को स्कूटी देने का वादा
यूपी में किसानों की कर्जमाफी
गेंहू-धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये और गन्ने की एमएसपी 400 रुपये करने का वादा
यूपी के सभी गरीब परिवारों को 25000 हजार रुपये
बिजली बिल आधा किया जाएगा
कोरोना काल का बिजली बिल माफ करने का वादा
यूपी चुनाव में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का वादा
इसके अलावा कांग्रेस सरकार आने पर 10 लाख रुपये तक का फ्री इलाज किया जाएगा

बता दें कि इन प्रतिज्ञाओं को लेकर कांग्रेस लोगों को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रही है। लेकिन इन वादों को लेकर जो आंकड़ें सामने हैं, उनमें तालमेल नजर नहीं आता है। दरअसल 2021-2022 का यूपी सरकार का बजट साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये है। ऐसे में प्रियंका गांधी के वादों को पूरा करने पर आने वाले खर्च पर गौर करें तो-

20 लाख युवाओं को नौकरी: इस वादे के मुताबिक अगर औसतन एक सरकारी कर्मचारी को 25 हजार रुपये वेतन मिले तो सालाना 60 हजार करोड़ रुपये का भार राज्य सरकार पर आएगा।

इंटर पास लड़कियों को मोबाइल: इस साल 12वीं में 11,17,780 लड़कियां पास हुई हैं। ऐसे में औसतन एक मोबाइल की कीमत 10 हजार रखें तो 1118 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

गेंहू-धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये और गन्ने की एमएसपी 400 रुपये: आंकड़ों को देखें तो 2021-22 में 68 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई। जिसपर 17000 करोड़ रुपये का खर्च आया। वहीं गन्ने की बात करें तो 2021 में 1027.50 टन गन्ने की पेराई हुई, जिसपर 41,1000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

यूपी के सभी गरीब परिवारों को 25000 हजार रुपये: उत्तर प्रदेश में लगभग एक करोड़ गरीब परिवार हैं। एक परिवार को 25000 देने पर कुल 25000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

10 लाख रुपये तक का फ्री इलाज: एक करोड़ गरीब परिवार के हिसाब से अगर 50 लाख परिवारों को इस वादे का लाभ दिया गया तो 5 लाख करोड़ रुपये सिर्फ इसी योजना पर ही खर्च हो जाएंगे।

बता दें कि ये आंकड़े प्रियंका गांधी की सिर्फ 5 प्रतिज्ञाओं को लेकर ही हैं और इन सभी का कुल खर्च साढ़े 6 लाख करोड़ रुपये आएगा। जबकि यूपी सरकार का कुल सालाना बजट ही साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये है। ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि आखिर प्रियंका गांधी जिन वादों को लेकर जनता के बीच में जा रही हैं, उन्हें कांग्रेस पूरा कैसे करेगी?