केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने पूरी दुनिया के सामने महिला सशक्तिकरण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार की जमकर तारीफ की। गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए U.N. General Assembly को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि COVID-19 सरीखी महामारी के दौर में भारत सरकार कैसे महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम कर रही है।

ईरानी ने कहा, “भारत में हम अपनी विकास की यात्रा में लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण के सभी पहलुओं की पहचान करते हैं। अब हम विकास और गहरे सुधारों पर ध्यान दे रहे हैं, जो साथ मिलकर बदलाव ला रहे हैं। हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम महिलाओं के विकास से आगे बढ़कर महिलाओं द्वारा या उनके नेतृत्व में किए जा रहे विकास की ओर आए हैं।”

उनके मुताबिक, स्थानीय शासन में महिलाओं के लिए आरक्षण ने यह सुनिश्चित किया है कि 1.3 मिलियन (13 लाख) से अधिक चुनी हुई महिला प्रतिनिधि सामुदायिक स्तर पर नेतृत्व करें और लिंग आधारित जन नीतियां लागू कराएं।

वह बोलीं- 200 मिलियन से अधिक महिलाएं सरकार के वित्तीय समावेशी पहल के जरिए फॉर्मल बैंकिंग स्सिटम में आईं। डिजिटल तकनीक के कमाल के प्रयोग ने महिलाओं को भी बीमा, लोन और सामाजिक सहायता के क्षेत्र में समान अवसर मुहैया कराए हैं।

बकौल ईरानी, “भारत में आज ऐसा सुनिश्चित किया जा रहा है कि जीवन के सभी आयामों में लिंक समानता को सर्वाधिक प्राथमिकता दी जाए। पिछले छह सालों में हमारे कुछ कानूनों ने महिला सशक्तीकरण और बच्चियों की सुरक्षा को काफी संबल दिया। सरकार ने कोरोना काल में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम भी उठाए। इनमें वन स्टॉप सेंटर्स हैं, जहां एक ही छत के नीचे मेडिकल, साइकोलॉजिकल, लीगल, पुलिस और शेल्टर संबंधी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।”

महामारी के दौर में इसके अलावा महिलाओं की देखभाल के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। खासकर गर्भवर्ती महिलाओं और अन्य तरह से परेशान औरतों के संदर्भ में। ‘नेशनल न्यूट्रिश्नल मिशन’ की शुरुआत हुई, जिसका मकसद बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं का न्यूट्रीश्नल स्टेटस सुधारा जा सके और 2022 तक भारत को कुपोषण मुक्त बनाया जा सके।

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, 25 साल पहले महिलाओं पर चौथी वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस पर जो हमने उपलब्धि हासिल की थी, वह हमें आज तक राह दिखा रही है और देश-दुनिया में वह प्रेरणा का स्त्रोत बन रही है। भारतीय सभी अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम करने को तैयार है, ताकि हमारे और हमारी बेटियों के लिए कोरोना काल के बाद भी दुनिया में बराबरी के मौके रहें।