कोरोनावायरस के बढ़ते केसों और लॉकडाउन को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार में तकरार जारी है। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल सरकार को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों को राज्य में न जाने देने की नीति पर नाखुशी जाहिर की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने दो लाख लोगों को उनके गृह-राज्य लौटाने का इंतजाम किया है। बंगाल के प्रवासी मजदूर भी घर लौटने के लिए बेताब हैं। केंद्र ने उनके लिए भी इंतजाम किए हैं, लेकिन हमें पश्चिम बंगाल सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही।

हालांकि, यह पहली बार है जब खुद गृह मंत्री ने पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप किया है। शाह ने चिट्ठी में कहा कि बंगाल सरकार प्रवासी श्रमिकों की ट्रेन बंगाल में नहीं घुसने दे रही हैं, यह राज्य के प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है और इससे उनके लिए और परेशानियां खड़ी हो जाएंगी।

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दरअसल, केंद्र सरकार और सीएम ममता बनर्जी के बीच कोरोना महामारी के मामले सामने आने के बाद से ही टकराव है। जहां केंद्र सरकार ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल कोरोनावायरस के मामलों पर सावधानी नहीं बरत रही और मौतों के मामले छिपा रही है, जबकि बंगाल सरकार के मंत्री डेरेक ओ ब्रायन कह चुकी हैं कि केंद्र उन्हें जबरदस्ती निशाना बना रहा है और यह राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने गृह मंत्रालय की टीम के बंगाल दौरे को भी राज्य में राजनीतिक वायरस फैलाने की कोशिश करार दिया था।

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गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को भी केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार से कहा था कि राज्य में अभी जनसंख्या के लिहाज से टेस्टिंग की दर काफी कम है और मृत्यु दर 13.2 फीसदी है, जो कि किसी भी राज्य से ज्यादा है। इन आरोपों पर तब टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि गृह सचिव की ओर से लिखा गया पत्र झूठ से भरा है। उन्होंने केंद्र पर संप्रदायिक राजनीति करने का भी आरोप लगाया था।