राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कृषि कानून पर कहा कि समय अनुकूल नहीं है। पीएम मोदी ने कृषि कानून इसी वजह से वापस लेने का फैसला किया हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अगर आगे जरूरत पड़ी, तो किसान बिल फिर लाया जाएगा। उधर, तेलंगाना सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में मारे गए लगभग 750 किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद देने का फैसला लिया है।

कलराज मिश्रा ने भदोही में कहा कि सरकार किसानों को कानूनों की बेहतरी नहीं बता सकी। किसानों का धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहा। तभी सरकार ने तीनों कानून को वापस लेने का फैसला किया है। उनका मानना है कि सरकार ने अच्छा कदम उठाया है। कलराज फिल्म निर्माता कृष्णा मिश्रा की बेटी की शादी के मौके पर उनके भदोही स्थित घर पहुंचे थे। उन्होंने विंध्याचल धाम में पूजा-अर्चना की। फिर मीडिया से बात की।

उधर, शनिवार को उन्नाव में भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि बिल तो आते-जाते और बनते-बिगड़ते रहते हैं। फिर बन जाएंगे। पीएम मोदी के लिए राष्ट्र पहले है, इसलिए उन्होंने बिल वापस लेने के लिए कहा। किसानों के बीच में उपद्रवी देशद्रोही गतिविधियां कर रहे थे। उनकी मंशा पर पीएम ने पानी फेर दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान पीएम इमरान खान को बड़ा भाई बताने पर साक्षी ने कहा कि जहां बड़ा भाई रहता है, अगर वहीं छोटा भाई भी रहे, यही बेहतर है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा है कि उनकी सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में मारे गए लगभग 750 किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद देगी। इन सभी परिवारों को 3-3 लाख रुपए दिए जाएंगे। राव ने शनिवार को केंद्र सरकार से मांग भी की है कि वह पीड़ित परिवारों को 25 लाख रुपए की मदद दे। उनका ये भी कहना है कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएं।

गौरतलब है कि इससे पहले भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने आंदोलन के दौरान शहीद किसानों के लिए एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा मांगा है। वरुण गांधी लखीमपुर मामले को लेकर भी सरकार पर हमला बोल चुके हैं।