2017 में नौकरी बाजार में गतिविधियां सुस्त रहने के बाद 2018 में भर्ती गतिविधियों में 10-15 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल भर्ती परिदृश्य में मजबूती दिख रही है। भारत कौशल रिपोर्ट 2018 के मुताबिक 2018 के लिये भर्ती परिदृश्य “सकरात्मक” नजर आ रहा है और इस साल इसमें 10-15 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में 120 से ज्यादा नियोक्ताओं और 5,10,000 से अधिक विद्यार्थियों को शामिल किया गया है। यह सर्वेक्षण मानव संसाधन से जुड़ी सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी पीपुलस्ट्रॉन्ग, कौशल मूल्यांकन फर्म व्हीबॉक्स के साथ पीयरसन, सीआईआई, एआईसीटीई, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और एआईयू ने संयुक्त रूप से किया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रोजगार योग्य क्षमता 45.6 प्रतिशत पर पहुंच गयी है, जो कि पिछले पांच सालों का उच्चतम स्तर है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली, गुजरात, आंध्र प्रदेश उन शीर्ष दस राज्यों में से है जहां रोजगार के सबसे ज्यादा अवसर रहे। रोजगार के लिहाज से बेंगलुरु शीर्ष स्तर पर बना रहा। इसके बाद चेन्नई, इंदौर, लखनऊ, मुंबई और नागपुर का स्थान है।
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इन दिनों बेरोजगारी के मुद्दे पर चौतरफा घिरी हुई है। विपक्ष जहां पीएम नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने और रोजगार देने के वादे पर लोगों से छल करने का आरोप लगा रही है, वहीं भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के लेबर ब्यूरो ने भी वार्षिक रोजगार-बेरोजगार सर्वे में मोदी सरकार को झटके देने वाले खुलासे किए हैं। सर्वे के मुताबिक पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी है। लेबर ब्यूरो ने 1 लाख 56 हजार 563 हाउसहोल्ड का सर्वे किया है, जिसमें पता चला है कि बेरोजगारी की दर पिछले पांच सालों के सर्वोच्च पांच फीसदी पर पहुंच गई है।