अफगानिस्तान में तख्ता पलट के बाद चीन ने अपने मंसूबे जाहिर कर दिए हैं। उसने तालिबान से दोस्ती की ख्वाहिश जताई है। उधर, बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को आगाह करते हुए ट्वीट किया कि पैर जमाने के 1 साल बाद तालिबान, पाक व चीन भारत पर हमला करेंगे।

बीजेपी सांसद ने अपनी पोस्ट में लिखा कि तालिबान पहले साल ऐसे लोगों को सरकार में शामिल करेगा जो उदारवादी हों। इस बीच प्रदेश स्तर पर कट्टरपंथी लोगों को नेतृत्व सौंपा जाएगा। 1 साल बाद जब तालिबान के पैर जम जाएंगे तब तालिबान, पाक व चीन मिलकर भारत पर हमला करेंगे। एक यूजर के ट्वीट का जवाब देते हुए उन्होंने ये भी कहा कि अगर भारत का मौजूदा नेतृत्व हालात से निपटने में सक्षम नहीं है तो उसे हटना चाहिए। उन्होंने लिखा- भारत को अब चीन की पीएलए को अपनी जगह से वापस धकेलने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं कर सकते तो जगह छोड़ें। कोई दूसरा आकर ये काम अच्छे से कर लेगा।

गौरतलब है कि रविवार को स्वामी ने कहा था कि बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पाकिस्तान की शह पर तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। अब वो भारत के बेहद करीब है। चीन उसे उकसाएगा। अमेरिका पहले ही उसे हथियार सप्लाई करने में लगा है। स्वामी का कहना है कि अब सरकार को गंभीरता से गवर्नेंस की तरफ ध्यान देना चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब हमें भारत माता की तरफ अपने कर्तव्य को याद करके कुछ काम करना चाहिए।

उधर, चीन ने कहा है कि वह अफगानिस्तान के तालिबान के साथ के दोस्ताना संबंध कायम करने के लिए तैयार है। न्यूज़ एजेंसी एएफपी ने इस बात की जानकारी दी। पिछले दिनों तालिबानी नेता ने चीन के विदेश मंत्री से भी मुलाकात की थी। वैसे भी अफगान सरकार को अपदस्थ करने में पाक पीएम इमरान खान की भूमिका मानी जा रही है। इमरान और चीन की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। इमरान चीन को अपना सरपरस्त मानते हैं।

संकट में घिरे अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि तालिबान अपने इरादे बताए और देश पर उसके कब्जे के बाद अपने भविष्य को लेकर अनिश्चय की स्थिति में आए लोगों को भरोसा दिलाए। तालिबान के लड़ाकों ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया। सरकार ने घुटने टेक दिए और राष्ट्रपति गनी देशी और विदेशी नागरिकों के साथ देश छोड़कर चले गए।