Lok Sabha Elections Result: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। यहां की हाई प्रोफाइल अमेठी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी को हार का सामना करना पड़ा है। स्मृति ईरानी को कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा ने शिकस्त दी है।
इसी बीच अमेठी से हार के बाद स्मृति ईरानी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। स्मृति ईरानी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि आज जनता का आभार व्यक्त करने का दिन है, जो जीते उन्हें बधाई देने का दिन है।’
ईरानी ने आगे कहा, ‘संगठन का स्वभाव विश्लेषण करने का है और संगठन विश्लेषण करेगा। एक जनप्रतिनिधि के नाते यह मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने हर गांव में जाकर काम किया। हार या जीत के बावजूद मैं लोगों से जुड़ी और यह मेरे जीवन का बहुत बड़ा सौभाग्य है।’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्मृति ईरानी ने कहा है कि वह आगे भी अमेठी के लोगों की सेवा करती रहेंगी। भावुक अंदाज में स्मृति ईरानी ने कहा कि जीवन ऐसा है…एक दशक से भी ज्यादा समय तक मैंने एक गांव से दूसरे गांव जाकर लोगों की सेवा की। मैंने लोगों की जिंदगी संवारने, उम्मीदों और आकांक्षाओं को संजोने, बुनियादी ढांचे पर काम करने में अपना समय बिताया। मैंने सड़कें, नालियां, खड़ंजा, बाईपास, मेडिकल कॉलेज और भी बहुत कुछ बनवाने का काम किया। स्मृति ईरानी न कहा कि हार और जीत में मेरे साथ खड़े रहने वालों का मैं हमेशा आभारी रहूंगी। आज जश्न मनाने वालों को बधाई। और जो लोग पूछ रहे हैं, ‘कैसा जोश है?’ मैं कहती हूं- जोश अभी भी हाई है, सर।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं भाजपा पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने पूरी लगन और निष्ठा के साथ निर्वाचन क्षेत्र और पार्टी की सेवा में काम किया है। आज मैं पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की आभारी हूं कि उनकी सरकारों ने 30 साल के लंबित कामों को सिर्फ 5 साल में पूरा कर दिया। मैं जीतने वालों को बधाई देती हूं।
अमेठी से स्मृति ईरानी के सामने कांग्रेस के टिकट पर किशोरी लाल (KL) शर्मा ने चुनाव लड़ा। किशोरी लाल को 539228 वोट मिले, जबकि स्मृति ईरानी को 372032 वोट हासिल हुए। किशोरी लाल शर्मा 167196 मतों से चुनाव जीत गए। स्मृति ईरानी ने 2019 में इसी सीट पर राहुल गांधी को हराया था।
केएल शर्मा का पूरा नाम किशोरी लाल शर्मा है, जो गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। मूलत पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। शर्मा ने 1983 में राजीव गांधी के साथ रायबरेली और अमेठी में कदम रखा था। बाद में राजीव गांधी के अचानक निधन के बाद गांधी परिवार से उनके रिश्ते पारिवारिक हो गए और वो गांधी परिवार के ही होकर रह गए।