देश के दूसरे सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर के बैंक PNB (पंजाब नेशनल बैंक) ने COVID-19 संकट के दौरान लगभग छह हजार अफसरों का ट्रांसफर कर दिया था। इनमें से कुछ का तबादला दो हजार किलोमीटर से अधिक दूरी की ब्रांच (मौजूदा शाखा से) में किया था।

समाचार एजेंसी ‘ANI’ की रिपोर्ट के अनुसार, ये ट्रांसफर विभिन्न स्केल्स पर तैनात अफसरों के प्रमोशन के बाद किए गए थे, पर अफसरों ने कहा कि अगर कोरोना वायरस के चलते बने हालात के कारण उन्हें ऑप्शन मिलता तो वे इस पदोन्नति से साफ इन्कार करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, बैंक की ओर से कहा गया- इन छह हजार द्वारा चुनी गई च्वॉइस (लोकेशन/विकल्प) के आधार पर ही ये ट्रांसफर किए गए हैं।

ANI के पास ऐसे दस्तावेज भी हैं, जो दर्शाते हैं कि करीब 6,000 अफसरों का बैंक ने ट्रांसफर किया। ये ट्रांसफर्स Delhi से Agartala, Jaipur से Chennai, Delhi से Coimbatore, Rajkot से Kozhikode के बीच किए गए, जहां अफसरों की नई पोस्टिंग लगभग 2000 किमी से दूर स्थित शाखा पर थी। ट्रांसफर के ऑर्डर बीते हफ्ते ही आए हैं और असिस्टेंट मैनेजर, मैनेजर और सीनियर मैनेजर स्तर पर ट्रांसफर किए गए अधिकारी अपनी चिंताएं जाहिर कर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, जिन अफसरों का ट्रांसफर किया गया है उनसे एक अंडरटेंकिंग पर साइन कराया गया। इसमें कहा गया, “आप लोगों को सलाह दी जाती है कि प्रमोशन के बाद आप आगे की तैनाती के लिए 29 जुलाई से पहले अपने सर्कल ऑफिस पर रिपोर्ट करें। मैं यहां वचन लेता हूं कि बैंक ने प्रमोशन पर मेरे सर्कल एलोकेशन पर … सर्कल के लिए विचार किया। मैं तत्काल वहां जाने को राजी हूं। मौजूदा परिस्थितियों में मुझे आवंटित सर्कल में जाने में कोई दिक्कत नहीं है।”

All India Punjab National Bank Officers Association ने पिछले महीने यह मुद्दा कार्यकारी निदेशक आरके यदुवंशी के समक्ष उठाया था। उनसे कहा था कि COVID-19 महामारी ने अनिश्चितता वाली स्थितियां पैदा कर दी हैं। ऐसे में लोगों के परिवारों में डर और घबराहट का माहौल है कि “अगर उनके परिवार का कमाने वाला व्यक्ति ही अनजान जगह चला जाएगा तो यह काफी खतरनाक भी होगा और उस अफसर के परिवार के लिए भी ठीक नहीं होगा।”

PM की 29 को बैंक, एनबीएफसी प्रमुखों संग बैठकः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को बड़े बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में वह कोरोना वायरस संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था की स्थिति का जायजा लेंगे। आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री बैंकों और एनबीएफसी प्रमुखों के साथ भविष्य के दृष्टिकोण एवं रूपरेखा पर चर्चा और विचार-विमर्श करेंगे।

बयान में कहा गया है, ‘‘बैठक के एजेंडे में ऋण उत्पाद और डिलिवरी के दक्ष मॉडल, प्रौद्योगिकी के जरिये वित्तीय सशक्तिकरण और वित्तीय क्षेत्र के स्‍थायित्‍व एवं बाजार में टिके रहने के लिए विवेकपूर्ण तौर-तरीके शामिल हैं।’’ बैंक ढांचागत क्षेत्र, कृषि, एमएसएमई (सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यम) समेत स्थानीय विनिर्माण को वित्त सुविधा उपलब्ध कराकर आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बैठक में सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। (भाषा इनपुट्स के साथ)