वर्तमान में महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी की सरकार चल रही है। इस गठबंधन में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मुख्य रूप से शामिल है। हालांकि शिवसेना के संस्थापक रहे बाला साहेब ठाकरे की राजनीति कांग्रेस विरोधी रही। इसी को लेकर जब शिवेसना के फायरब्रांड नेता संजय राउत से यह पूछा गया कि बाला साहब तो हमेशा से कांग्रेस से समर्थन लेने के खिलाफ थे तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि आज परिस्थिति बदल गई है।
आजतक न्यूज चैनल पर आयोजित कार्यक्रम सीधी बात में जब एंकर प्रभु चावला ने कहा कि बाला साहब तो हमेशा कहते थे कि हम कांग्रेस से कभी समर्थन नहीं लेंगे। इसके जवाब में शिवसेना नेता व सांसद संजय राउत ने कहा कि सही बात है उन्होंने कही होगी। लेकिन जब परिस्थिति बदलती है तो बहुत कुछ चीजें बदल जाती है। विचार नहीं बदलते हैं लेकिन परिस्थिति आदमी को बदल देती है।
बाला साहब कभी मुसलमान विरोधी नहीं थे: @rautsanjay61@PrabhuChawla #SeedhiBaat pic.twitter.com/f3zyD8DYVs
— AajTak (@aajtak) March 20, 2021
आगे संजय राउत ने कहा कि जिस भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा मुफ़्ती के बारे में क्या नहीं बोला और लिखा, लेकिन उसके साथ बाद में उन्होंने सरकार बना ली। हर राजनीतिक पार्टी की कुछ ना कुछ मज़बूरी होती। इसके अलावा प्रभु चावला ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने तो 2009 के चुनावों में कहा था कि हम शरद पवार से समर्थन लेकर सरकार नहीं बनाएंगे। इसपर संजय राउत ने कहा कि भाजपा तो 2014 में भी एनसीपी के साथ सरकार बनाना चाहती थी। इतना ही नहीं 2019 में तो देवेन्द्र फड़णवीस ने शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ शपथ भी ले लिया था।
प्रभु चावला ने संजय राउत से जब परिवारवाद से जुड़ा एक सवाल पूछा कि देश में एक ऐसी सरकार है जहां पिताजी मुख्यमंत्री हैं और बेटा मंत्री है। इस सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि उसमें गलत क्या है. अगर पिताजी मुख्यमंत्री हैं और उनका बेटा चुनाव जीत कर आया है और महाराष्ट्र के लिए काम करने की इच्छा है तो उसमें गलत क्या है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि अगर राहुल गांधी उस समय मनमोहन सिंह की सरकार में आते तो आज कांग्रेस पार्टी की ऐसी दुर्गति नहीं होती।
इंटरव्यू के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि बाला साहब कभी मुसलमान विरोधी नहीं थे। एक सवाल के जवाब में संजय राउत ने कहा कि बाल ठाकरे ने जो पार्टी बनाई थी वो धर्म और जाति से परे थी। आगे संजय ने कहा कि बाला साहब ने मुसलमानों का विरोध किया लेकिन वो मुसलमान जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के थे। बाला साहेब हमेशा कहते थे कि बाकी जो मुसलमान हैं वो हमारे हैं। लोगों ने उनकी जो मुसलमान विरोधी वाली प्रतिमा बनाई थी वो गलत थी।