लोकसभा चुनाव निपटने के बाद राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर से गरमा उठा है। दरअसल, बीजेपी के घटक दल शिवसेना ने अयोध्या (यूपी) में मंदिर से जुड़े एजेंडे पर दोबारा जोर दिया है। बुधवार (पांच जून, 2019) को शिवसेना के मीडिया सेल की ओर से कहा गया, “पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे महीने के अंत में अयोध्या पहुंचेंगे।” उद्धव के साथ लगभग 18 सांसदों के भी जाने की संभावना है, जबकि प्रभु श्री राम की नगरी में उस दौरान भारी संख्या में साधु-संतों का जमावड़ा भी लग सकता है।
सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि शिवसेना चीफ 15 से 17 जून के बीच का समय अयोध्या में बिता सकते हैं। उनके करीबी और पार्टी के मीडिया प्रभारी हर्षल प्रधान के मुताबिक, “हां, यह सच है कि उद्धव ने अयोध्या जाने का फैसला लिया है। योजनानुसार वह संसद का सत्र शुरु होने से पहले वहां पहुंचेंगे, जो कि 17 जून से शुरू होगा। उनके दौरे से जुड़ी जानकारी जल्द साझा की जाएगी। उद्धव जी खुद अपने दौरे और पार्टी के मत के बारे में बताएंगे।”
रोचक बात है कि शिवसेना चीफ उसी दिन अयोध्या पहुंच सकते हैं, जिस दिन राम मंदिर के निर्माण को लेकर साधु-संतों की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी के लिए संकल्प-पत्र जारी करने की उम्मीद है।
वैसे, राम मंदिर बनाने की मांग के लिए यह उद्धव का दूसरा अयोध्या दौरा होगा, जिससे पहले नवंबर 2018 में मोदी सरकार का इस ओर ध्यान दिलाने के लिए श्रीराम की नगरी पहुंचे थे। उन्होंने तब सरकार से मांग की थी कि वह मंदिर निर्माण शुरू करने से जुड़ी तारीख जल्द से जल्द बताए।
यही नहीं, उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए लाए जाने वाले अध्यादेश को लेकर भी पूरा समर्थन देने की बात कही थी। वह बोले थे, “हम जानना चाहते हैं कि मंदिर किस दिन से बनना शुरू होगा? पहले आप बताएं कि आप कब मंदिर बनाएंगे? उसके बाद ही हम बाकी चीजों पर बात करेंगे।”
बता दें कि इस बार के आम चुनाव के पहले बीजेपी और शिवसेना के बीच तनाव का माहौल था। हालांकि, बाद में उद्धव की पार्टी ने मतभेदों को दरकिनार करते हुए बीजेपी के साथ ही चुनाव लड़ा, पर इस बात पर कि राम मंदिर उसके लिए अहम मुद्दा है।