पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने दिल्ली के लुटियंस क्षेत्र में अपना 7, तुगलक रोड पर आवास खाली कर दिया है। यहां वो 22 साल तक रहे। बंगला खाली करने के साथ ही मंगलवार को शरद यादव ने संकेत दिया कि उनका राजनीति से संन्यास लेने का अभी कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि संघर्ष जारी रहेगा।

बंगला खाली करने के बाद शरद यादव दिल्ली के छतरपुर में स्थिति अपनी बेटी के घर रहने पहुंचे। 74 वर्षीय शरद यादव ने हाल ही में लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ अपने लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) का विलय कर दिया था। वहीं उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी।

शरद यादव से सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री के तौर पर 8 साल पूरा करने वाले नरेंद्र मोदी को आप कैसे आंकते हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “महत्वपूर्ण यह नहीं है कि मौजूदा सरकार क्या और कैसे कर रही है। अहम यह है कि विपक्ष को एक साथ रहना चाहिए जिससे सरकार के कामकाज पर नियंत्रण और संतुलन हो सके।”

उन्होंने कहा कि चिंता का विषय है कि मंदिर का मुद्दा (ज्ञानवापी मामला) उठाया जा रहा है। यह समाज के दो समुदायों में कलह का कारण बनेगा। आखिरकार, इस तरह के मुद्दों को पहले नहीं उठाया गया था।

वहीं भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता पर शरद यादव ने कहा कि इससे पहले भी विपक्षी एकता के जरिए कई बार सफलता मिली है। हालांकि यह कठिन काम है। इसके लिए गंभीर प्रयास करने पड़ेंगे। और यही देश की मांग है। उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र, संविधान और देश को विपक्षी एकता की जरूरत है। मैंने राहुल गांधी को विपक्षी एकता की जरुरतों के बारे में बताया। जोकि लोकतंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

इसके अलावा शरद यादव ने तेजस्वी प्रसाद यादव को लेकर कहा कि वह अब एक बहुत अच्छे नेता के रूप में उभर रहे हैं और एक नेता के रूप में बहुत अच्छी तरह विकसित हुए हैं। वह कड़ी मेहनत करते हैं और जनता उन्हें पसंद भी करती है। मैं उसके लिए एक बहुत ही उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।