संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) द्वारा बुलाए गए बिहार बंद के दौरान तोड़फोड़ करने के आरोप में पार्टी ने तीन सदस्यों को निष्कासित कर दिया है। निष्कासित किए गए लोगों में पार्टी के जिलाध्यक्ष तिरुपती नाथ यादव भी शामिल हैं। इन लोगों पर आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान इन लोगों ने ऑटो में तोड़फोड़ की थी।

समाचार एजेंसी PTI-Bhasha के मुताबिक, सूबे में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ हुई। बांस के डंडे और पार्टी के झंडे हाथ में लिए बंद समर्थक सर्द हवाओं की परवाह किए बगैर सभी 38 जिलों में बस अड्डों, रेल पटरियों और अन्य जगह एकजुट हुए थे। वे बंद के समर्थन में विभिन्न जगह रेल पटरियों पर बैठे और बस टर्मिनलों को बाधित किया।

प्रदर्शनकारियों ने भागलपुर, मुजफ्फरपुर और पटना के बाहरी इलाकों में बंद आहूत करने के लिए सड़कों पर चल रही टैक्सियों और ऑटो की खिड़कियों के शीशे तोड़े और साइकिल रिक्शा को क्षतिग्रस्त कर दिया। कई जगह बच्चों समेत बंद समर्थक अपने अंतर्वस्त्र ही पहने रहे। वहां बच्चों की आयु 10-15 साल से अधिक नहीं थी।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और RJD चीफ लालू प्रसाद के वारिस माने जाने वाले तेजस्वी यादव ने बीर चंद पटेल मार्ग में पार्टी कार्यालय से डाक बंगला क्रॉंसिंग तक एक बड़े जुलूस के साथ मार्च किया, जिससे व्यस्त फ्रेजर रोड तथा बेली रोड पर यातायात थम-सा गया था।

पटना में कुछ स्थानों पर बंद आहूत करवाने के हथकंड़ों के लिए पहचाने जाने वाले पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लोगों को गुलाब देकर अपनी छवि सुधारने की कोशिश की और उनसे ‘‘राष्ट्र हित’’ में बंद का समर्थन करने का अनुरोध किया। इस बंद को कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) जैसे दलों का भी समर्थन मिला। मुख्य विपक्षी दलों द्वारा बुलाए बिहार बंद से महज दो दिन पहले वाम दलों ने राज्यव्यापी बंद बुलाया था।

पूर्व केंद्रीय मंत्री रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में मार्च में हिस्सा लिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आश्वासन दिया कि राज्य में एनआरसी लागू नहीं की जाएगी लेकिन इसके बावजूद बंद के पीछ के तर्क के बारे में पूछे जाने पर कुशवाहा ने कहा, ‘‘राज्य सरकारों द्वारा ऐसे आश्वासन देने का कोई मतलब नहीं है। हमें केंद्र को ऐसा कदम उठाने से रोकना चाहिए।’’

उत्तर बिहार के सबसे बड़े शहर मुजफ्फरपुर में राजद और कांग्रेस नेता बंद आहूत करने के लिए राजमार्गों, प्रमुख सड़कों और रेलवे क्रॉसिंग पर बैठ गए। ब्रह्मपुर जैसे सथानों पर उनकी दुकानदारों के साथ झड़प हुई जिन्होंने दुकानें बंद करने से इनकार कर दिया था। मुंगेर, भागलपुर, बेगूसराय, जहानाबाद और नवादा जैसे जिलों से भी बंद के कारण सामान्य कारोबार और यातायात बाधित होने की खबरें हैं। आरा से प्राप्त एक खबर के मुताबिक बंद समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हुई। शनिवार रहने के कारण स्कूल, कॉलेज और ज्यादातर सरकारी कार्यालय बंद रहे।

(भाषा इनपुट्स के साथ)