रिपब्लिक भारत पर डिबेट के दौरान एंकर ने किसान नेता से कहा कि कोविड थोड़ा काबू में आ जाए इसके बाद आप लोग किसान आंदोलन कर लेना। तीन महीने बाद भी तो आंदोलन कर सकते हैं। किसान नेता ने जवाब देते हुए कहा कि आप देश का वो हिस्सा बता दीजिए जहां कोरोना नहीं है। किसान मजबूरी में बैठा हुआ है। किसानों के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
बता दें कि आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और डीएपी खाद पर सब्सिडी बढ़ाने के फैसले से किसानों को राहत मिलेगी। केन्द्र सरकार ने बुधवार को डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी 140 प्रतिशत बढ़ाकर 1,200 रुपये प्रति बोरी कर दी, जो पहले 500 रुपये प्रति बोरी थी, जिससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त 14,775 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वैश्विक कीमतों में तेज वृद्धि के बावजूद किसानों को खेती का यह पोषक तत्व 1,200 रुपये प्रति बोरी की पुरानी दर पर उपलब्ध हो। पीएमओ के बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया। तोमर ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’’
देश के हर हिस्से में कोरोना फैल रहा है, सरकार अपनी विफलताओं का ठीकरा किसानों पर फोड़ रही है: चौधरी सवित मलिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान संघ
देखिए ‘पूछता है भारत’ ऐश्वर्य के साथ रिपब्लिक भारत परhttps://t.co/G945HvzM0Z pic.twitter.com/F5ekuN55S9
— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) May 20, 2021
उन्होंने कहा कि केंद्र ने हाल ही में पीएम-किसान कार्यक्रम के तहत किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का हस्तांतरण किया है। डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक की बढ़ती वैश्विक कीमतों के मद्देनजर, तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बुधवार को एक बैठक बुलाई और घरेलू खुदरा कीमतों में कोई बदलाव ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए सब्सिडी बढ़ाने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को पुरानी दरों पर ही डीएपी मिलेगा।’’ उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने डीएपी पर सब्सिडी बढ़ाने का फैसला नहीं किया होता तो किसानों को समस्या का सामना करना पड़ सकता था। मंत्री ने कहा कि केंद्र पहले डीएपी के प्रति बोरी 500 रुपये की सब्सिडी दे रहा था और खुदरा मूल्य 1,200 रुपये प्रति बैग था।
उन्होंने कहा, अब यह सुनिश्चित करने के लिए कि खुदरा कीमतें 1200 रुपये प्रति बैग पर बनी रहे, सब्सिडी को बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति बैग कर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि वैश्विक बाजार में डीएपी की दर 2400 रुपये प्रति बोरी हो गई है।