केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने 14 सितंबर को राज्यसभा में उप सभापति चुने जाने के बाद हरिवंश को बधाई देते हुए अजीब तुकबंदी की। तुकबंदी ही नहीं, वह बार-बार हरिवंश को रघुवंश कह रहे थे। एक बार जब हरिवंश कहा तो साथ में राय भी जोड़ दिया।
ढाई मिनट के अंदर तीन बार अठावले ने हरिवंश का गलत नाम लिया। जब उन्हें टोका गया तो उन्होंने यह मानने से ही इनकार कर दिया और कहा- हरिवंश ही कह रहा हूं। अठावले ने कहा कि सभापति महोदय आज का दिन लोकतंत्र को बहुत मजबूत करने वाला का दिन है। आज रघुवंश बाबू को दूसरी बार इस हाउस का उपसभापति चुनने का मौका मिला है। वोटिंग तो हुआ नहीं है लेकिन मनोज झा जी ने अपनी उम्मीदवारी पीछे लेने के बाद एक मत से उपसभापति पद पर हमारे हरिवंश बाबू का चयन हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की तरफ से मैं उनको हमेशा रखूंगा याद…मैं देता हूं रघुवंश बाबू को धन्यवाद। तो उनको मैं धन्यवाद देता हूं और मुझे बहुत बड़ी उम्मीद है…आशा है जिस तरह माननीय वेंकैया नायडू जी और हरिवंश राय की थी दो हंसों की जोड़ी…इसलिए सही दिशा से चल रही थी राज्यसभा की अगाड़ी, मुझे मालूम है ये दोनों की नाड़ी…इसलिए मैंने बढ़ाई है ये दाढ़ी। अठावले की इस अजीब तुकबंदी पर कई सदस्यों की हंसी छूट गई। (हंसी का मौका तब भी आया जब मनोज झा ने वेंकैया से पूछा- खड़े हो जाऊं सर? उस पल का ब्यौरा यहां पढ़ें)
अठावले ने आगे कहा कि मुझे जब-जब आपने (नायडू) और हरिवंश बाबू ने बोलने का दे दिया था मौका…मैंने तब-तब मार दिया था चौका।कभी-कभी मैं मारता था छक्का, और मैं दे देता था विरोधी दलों को धक्का। तो इस तरह आपने मुझे बहुत बार मौका दिया है। मेरी पार्टी छोटी पार्टी है लेकिन बाबा साहब अंबेडकर जी की पार्टी है और लोकतंत्र को मजबूत करने वाली पार्टी है। बाबा साहब के संविधान के मुताबिक यह राज्यसभा और लोकसभा चलती है।
इससे पहले जब बार-बार रघुवंश कहने पर किसी सदस्य ने अठावले को टोका और याद दिलाया कि हरिवंश तो आसन पर बैठे सभापति वेंकैया नायडू ने भी धीरे से कहा- हरिवंश। लेकिन, अठावले बोले- मैैं हरिवंश ही कह रहा हूं। (देखें वीडियो)
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार और जद (यू) सांसद हरिवंश सोमवार को दोबारा राज्यसभा के उपसभापति चुने गए। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन उच्च सदन की कार्रवाई के दौरान भाजपा सदस्य जे पी नड्डा ने उपसभापति पद के लिए हरिवंश के नाम का प्रस्ताव रखा।
भाजपा के ही थावरचंद गहलोत ने उनके प्रस्ताव का समर्थन किया। सदन में ध्वनिमत से हरिवंश को उपसभापति चुन लिया गया। उनके सभापति चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, राजद के मनोज झा और विभिन्न दलों के नेताओं ने हरिवंश को बधाई दी और नए कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी सहित अधिकतर नेताओं ने सदन चलाने की उनकी शैली की सराहना की।

