कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में कुछ महिला सांसदों के साथ कथित धक्कामुक्की की घटना को बृहस्पतिवार को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया और इस मुद्दे, पेगासस जासूसी मामला एवं केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘देश में दलितों, गरीबों, किसानों, मज़दूरों में आपको धीरे-धीरे एक आवाज़ सुनाई देगी। ये आवाज़ धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी, फिर एक दिन वो आवाज़ एक तूफान बन जाएगी और वो तूफान नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के घर से उठाकर बाहर फेंक देगी।’
राहुल गांधी ने यह आरोप भी लगाया कि राज्यसभा में सांसदों की पिटाई की गई और इस संसद सत्र में देश के 60 प्रतिशत लोगों की आवाज को दबाया गया, अपमानित किया गया और विपक्ष को जनता के मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया गया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक करने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया। इस दौरान कई नेताओं ने बैनर और तख्तियां ले रखी थीं। बैनर पर ‘हम किसान विरोधी काले कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं’ लिखा हुआ था। विपक्षी नेताओं ने ‘जासूसी बंद करो’, ‘काले कानून वापस लो’ और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे भी लगाए।
विपक्षी दलों के मार्च के बाद राहुल गांधी और कई विपक्षी नेताओं से संवाददाताओं से बातचीत में सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘संसद सत्र पूरा हो चुका है। जहां तक देश के 60 फीसदी हिस्से की बात है तो उनके लिए कोई सत्र नहीं था क्योंकि इन 60 फीसदी लोगों की आवाज को दबाया गया, अपमानित किया गया और कल राज्यसभा में पीटा गया।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हमने पेगासस मामले पर चर्चा की मांग की, सरकार ने इनकार कर दिया। हमने किसानों, महंगाई का मुद्दा संसद के बाहर उठाया क्योंकि अंदर नहीं उठा नहीं सकते। आप लोगों (मीडिया) के सामने बात कर रहे हैं क्योंकि अंदर नहीं बोलने नहीं दिया जाता। यह हमारे देश में लोकतंत्र की हत्या से कुछ कम नहीं है।’’
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए दावा किया, ‘‘देश के प्रधानमंत्री इस देश को बेच रहे हैं। वह देश की आत्मा दो-तीन उद्योगपतियों को बेच रहे हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यसभा के भीतर सांसदों को पीटा गया है।
बुधवार की घटना को लेकर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के दुखी होने संबंधी सवाल पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सभापति को सदन चलाना होता है, उन्होंने क्यों नहीं चलाया? विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया।’’