संसद के मानसून सत्र के दौरान तीसरे दिन बुधवार को विपक्षी दलों ने दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया। इसकी वजह से कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने लोकसभा में सदन के वेल में ‘गब्बर सिंह स्‍ट्राइक्‍स अगेन’ के पोस्टर लहराए। भाजपा ने कांग्रेस पार्टी के इस रवैए का कड़ा विरोध किया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद ठप कराने के पीछे का रचनाकार बताया।

दरअसल कुछ खाद्य वस्तुओं की मूल्य वृद्धि और जीएसटी दरों को बढ़ाए जाने के खिलाफ विपक्षी दलों के सांसद पिछले कई दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। सदस्यों ने बुधवार को संसद परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके हाथ में दूध के पैकेट और दूसरे खाद्य वस्तुएं थीं। जीएसटी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के सदस्य ‘गब्बर सिंह स्‍ट्राइक्‍स अगेन’ के पोस्टर लेकर सरकार पर हमला कर रहे हैं। इसकी वजह से संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है।

जयराम रमेश ने कहा- मोदी सरकार की जिद जारी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “आज सुबह राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने खाद्य पदार्थों पर मूल्य वृद्धि और बेहूदा जीएसटी दरों पर तत्काल बहस की मांग की। इससे इनकार किया गया। सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। मोदी सरकार की जिद जारी है। संसद में कामकाज प्रभावित हो रहा है।”

संसद के मानसून सत्र में बुधवार, 20 जुलाई, 2022 को राज्यसभा के वेल में विरोध प्रदर्शन करते विपक्षी सदस्य। (संसद टीवी/पीटीआई फोटो)

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद ठप कराने के पीछे का रचनाकार बताते हुए कहा कि राहुल गांधी संसदीय परंपराओं का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा में उपस्थिति 40 फीसदी से कम रही है। उन्होंने पूछा कि राहुल गांधी ने संसद में अब तक कितने सवाल उठाए हैं?

नई दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेस में स्मृति ईरानी ने कहा- “संसद की कार्यवाही न हो, संसद कार्यवाही स्थगित हो, इसके रचनाकार राहुल गांधी से आज भाजपा के कार्यकर्ता पूछते हैं कि आप अपने संसदीय इतिहास में लोकसभा में कितने प्राइवेट मेंबर बिल इंट्रोड्यूस किए, जिन्होंने अमेठी के सांसद होने के नाते एक प्रश्न न किया हो, जिन्होंने अमेठी छोड़कर वायनाड जाने के बाद 2019 के शीतकालीन सत्र में 40 प्रतिशत से कम की अटेंडेंस रखी हो, जिनका पूरा राजनीतिक जीवन संसदीय परंपराओं का अपमान करते बीता हो, वह संसदीय कार्यवाही, संसद में डिबेट, संसद में डिस्कशन न हो, इसके लिए अपने आप को समर्पित कर रहे हैं। भारत की संसद भारत की अपेक्षाओं का, आकांक्षाओं का प्रतीक है। भारत की जनता यह चाहती है कि संसद में उन मुद्दों और विषयों पर चर्चा हो जो जनता के लिए जरूरी हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं होने देना चाहती है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “वे unproductive हो सकते हैं, लेकिन संसद की productivity पर सवाल उठाने की कोशिश न करें … वे चाहते हैं कि संसद में कोई स्वस्थ बहस और चर्चा न हो।” कहा कि संसद जनता के हित के मुद्दों पर स्वस्थ बहस करने की जगह है शोरगुल करने के लिए नहीं है।