पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को घोषणा की कि स्वास्थ्य कारणों को छोड़कर यदि 15 सितंबर तक राज्य सरकार के कर्मचारियों ने कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक भी नहीं ली होगी, तो ऐसे कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। एक आधिकारिक वक्तव्य के मुताबिक मुख्यमंत्री ने यह कड़ा फैसला इसलिए लिया है ताकि लोगों को महामारी से बचाया जा सके। इसके अलावा यह सुनिश्चित किया जा सके कि टीका लगवा चुके लोग टीका नहीं लगवाने वाले लोगों की वजह से संक्रमित न हों।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को हुई उच्च स्तरीय कोविड समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण से यह पता चला है कि टीके महामारी के खिलाफ प्रभावी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को टीका लगवाने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। ऐसे कर्मचारी जो अभी भी टीका लगवाने से बच रहे हैं, उनको तब तक छ्ट्टी पर भेज दिया जाएगा, जब तक कि वे टीके की पहली खुराक नहीं लगवा लेते।

PM ने की टीकाकरण अभियान की समीक्षाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए देश में कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण अभियान की समीक्षा की। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि भारत में अभी भी कोरोना की दूसरी लहर जारी है और यह समाप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा था कि देश के 35 जिलों में साप्ताहिक कोविड संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है, जबकि 30 जिलों में यह दर 5 से 10 प्रतिशत के बीच है।

देश में कोविड-19 के 34,973 नए केसः बता दें कि भारत में एक दिन में कोविड-19 के 34,973 नए मामले सामने आने के बाद कोरोना वायरस के कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,31,74,954 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घट कर 3,90,646 हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह आठ बजे जारी तक के आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 260 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,42,009 हो गई। देश में अभी 3,90,646 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.18 प्रतिशत है।