बनारस से हल्दिया तक जलमार्ग की शुरूआत के साथ उप्र में भी जल परिवहन को शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत बेहद महत्त्वाकांक्षी नोएडा से प्रयागराज तक जलमार्ग परिवहन को अमलीजामा पहनाने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने पहल शुरू कर दी है। नोएडा से मथुरा और आगरा होते हुए यमुना में जलमार्ग बनाने की विस्तृत कार्ययोजना रिपोर्ट तैयार कराई गई है। इसके शुरू होने पर नोएडा से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक जलमार्ग के जरिए पहुंचने का रास्ता खुलेगा। जानकारों का मानना है कि पिछले कुछ सालों में जलमार्ग परिवहन व्यवस्था पर काफी तेजी से काम हुआ है। इस कड़ी में वाराणसी के रामनगर स्थित मल्टी मॉडल टर्मिनल का उद्घाटन होने के बाद भारत-बांग्लादेश के बीच जलमार्ग पर क्रूज संचालन को बढ़ावा मिलेगा। कोलकाता-ढाका और बांग्लादेश होते हुए गुवाहटी- जोराहाट के बीच क्रूज चलाए जाएंगे। इन जलमार्गों के शुरू होने से उप्र, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश आदि राज्यों के उत्पाद बांग्लादेश में कम किराए में पहुंच सकेंगे।

नोएडा से प्रयागराज तक के जलमार्ग की दूरी 1089 किलोमीटर है। जिसके जरिए उत्तर प्रदेश के चार प्रमुख शहर नोएडा, आगरा, मथुरा और प्रयागराज जुड़ेंगे। प्रयागराज से जुड़ने के बाद यहीं से गंगा नदी के रास्ते बनारस और फिर हल्दिया तक पहुंचा जा सकेगा। जलमार्ग परिवहन के लिए सबसे ज्यादा जोर गंगा नदी पर है लेकिन देश की 10 बड़ी नदियों पर भी राष्ट्रीय जलमार्ग बनाया जाना है। इसमें उप्र की प्रमुख भूमिका होगी। नोएडा से प्रयागराज तक जलमार्ग बनाने के साथ पश्चिम और पूर्वी उप्र आपस में जुड़ जाएगा। जो कम किराए में माल का आवागमन सुनिश्चित कराने के अलावा जलीय पर्यटन को बढ़ावा देगा।

यमुना नदी पर प्रयागराज तक जाने वाला जलमार्ग नोएडा के साथ दिल्ली को भी जोड़ेगा। अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण और उप्र सरकार के परिवहन विभाग की संयुक्त स्टॉक होल्डर्स कार्यशाला में परियोजना पर विस्तृत चर्चा हुई है। परियोजना की डीपीआर तैयार होरही है।
-आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग एवं विशेष कार्याधिकारी, नोएडा