जाने-माने वकील और ऐक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर ताना मारा है।
उन्होंने एक ट्वीट के जरिए शनिवार (सात जुलाई, 2021) को कहा- मोदी सरकार ने “हमारे मेहुल भाई” को एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने के लिए क्लीन चिट दे दी, जबकि वह उसे प्रत्यर्पित करने का दिखावा करती है! साथ लेकर भागे सात हजार करोड़ में से कितना हिस्सा उसने इसके लिए दिया था?” भूषण ने यह टिप्पणी अंग्रेजी अखबार “दि हिंदू” की उस खबर को शेयर करते हुए की थी, जो कि भारत की ओर से चोकसी को क्लीन चिट दिए जाने से संबंधित थी।
So Modi Govt gave a clean chit to “Hamare Mehul Bhai” to acquire citizenship of Antigua, while it pretends to extradite him! What share of the 7000Cr that he ran away with did he give for this? pic.twitter.com/gpGjwnyCnP
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) August 7, 2021
ऐक्टिविस्ट के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी अपनी राय जाहिर की। @guhaparna ने पूछा, “अगर सारे भाई-बंधु भारत को प्रत्यर्पित कर दिए जाएं, तब क्या उनके देश में उनके भाई बंधु बेनकाब हो जाएंगे?”
@stylistanu ने सवाल उठाया कि आखिरकार अफसरों के साथ जाने वाले उस स्पेशल प्लेन का क्या, जो कि चोकसी को लाने के लिए भेजा गया था? @crsmita1 के हैंडल से कहा गया, नेहरूजी को इस सब के जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि मेहुल के बाबा उनके दोस्त थे।
@SunilMi65154911 के अकाउंट से लिखा गया, “न खाऊंगा, न खाने दूंगा…पर मोदी का मतलब था- हां, खाने दूंगा।” @Gaurang22770493 ने कहा कि बेचारे “चौकीदार” अभी भी माल्या, चोकसी, नीरव मोदी, हाजिफ सईद और दाउद को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।
चोकसी भारतीय भगोड़ा कारोबारी है। वह गीतांजलि ग्रुप का मालिक है, जो कि एक रीटेल जूलरी कंपनी है। देश भर में इस कंपनी के करीब चार हजार स्टोर हैं। मौजूदा समय में चोकसी अंटीगुआ और बारबूडा में है, जहां की नागकिता भी पा चुका है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से जुड़े घोटाले में भारतीय एजेंसियों को उसकी और उसके भांजे नीरव मोदी (भगोड़ा हीरा कारोबारी) की तलाश है।
आरोप है कि दोनों की जोड़ी ने बैंक के साथ करीब 14 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की। चोकसी के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट भी जारी किया जा चुका है। चोकसी फिलहाल आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और बेइमानी, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहा है।