पश्चिम बंगाल के संदेशखाली (West Bengal) में कई महिलाओं ने टीएमसी नेताओं (TMC) पर यौन उत्पीड़न और गैंगरेप करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मुद्दे पर बीजेपी राष्ट्रीय स्तर पर मुखरता से मुख्यमंत्री और टीएमसी की सर्वेसर्वा ममता बनर्जी पर (Mamata Banerjee) हमलावर है और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) खुद संदेशखाली जाने वाले हैं। यहां पीएम पीड़ित महिलाओं से मुलाकात करेंगे। ऐसे में आने वाले दिनों में संदेशखाली पश्चिम बंगाल में सियासी गर्मी का एपिसेंटर बन सकता है।

बता दें कि संदेशखाली में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थक पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। बता दें कि इस विवाद के सामने आने के बाद से ही बीजेपी, कांग्रेस, लेफ्ट सभी विपक्षी नेता संदेशखाली जाने की कोशिश करने लगे थे लेकिन प्रशासन ने किसी को भी जाने ही दिया। इसके बाद विपक्षी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने कोलकाता हाईकोर्ट (Kolkata High Court) की अनुमति ली थी और बीजेपी के कुछ विधायकों को लेकर संदेशखाली गए थे।

अहम बात यह है कि अब संदेशखाली में पीएम मोदी भी दौरा करेंगे। यहां वे टीएमसी नेताओं पर आरोप लगाने वाली महिलाओं से मुलाकात करेंगे। इसको लेकर पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने जानकारी दी है कि उत्तर 24 परगाना जिले के बारासात में पीएम मोदी 6 मार्च को रैली करेंगे और वे महिलाओं को एक विशेष संबोधन भी देंगे। उन्होंने कहा कि अगर संदेशखाली की पीड़ित महिलाएं उनसे मिलने आना चाहेंगी तो पार्टी इसके लिए निश्चित तौर पर व्यवस्था करेगी।

कानूनी कार्रवाई का दिया भरोसा

वहीं संदेशखाली विवाद लगातार बढ़ रहा है। इस मुद्दे पर पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने कहा है कि पुलिस संदेशखाली में प्रत्येक व्यक्ति की शिकायतें सुनेगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि बुधवार को उन्होंने भी संदेशखाली का दौरा भी किया था और वे पूरी रात वहीं रुके थे। राज्य के डीजीपी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चुनाव से ठीक पहले संदेशखाली ने मचाया सियासी हडकंप

खास बात यह है कि उत्तर भारत में बीजेपी का ग्राफ अपने सर्वोच्च स्तर पर है और उसे अपने 370 सीटों के टारगेट को अचीव करने के लिए पश्चिमी राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। इसी लिए बीजेपी लंबे वक्त से बंगाल में सक्रिय थी। इसका फायदा उसे 2019 के लोकसभा चुनावों में मिला था और बीजेपी ने पहली बार राज्य की 42 में से 18 सीटों पर रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी।

ऐसे में इस बार पार्टी अपने इस रिकॉर्ड को भी तोड़ने की तैयारी कर रही है। इन तैयारियों के बीच संदेशखाली विवाद का सामने आना जहां सियासी लिहाज से बीजेपी के लिए पॉजिटिव साबित होता दिख रहा है, तो दूसरी ओर ममता बनर्जी की सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर प्रश्न चिन्ह खड़े हो गए हैं।