प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश के सबसे पहले प्रधानमंत्री और दिवंगत कांग्रेस नेता जवाहर लाल नेहरू को आदर्श राजनेता करार दिया है। उन्होंने इसके साथ ही पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की भी तारीफ की।

हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज नेशन’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बुधवार को कहा, “वाजपेयी और नेहरू, ये हिंदुस्तान के लोकतंत्र के दो आदर्श नेता थे। दोनों कहते थे कि मैं अपने लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन करूंगा।” बकौल गडकरी, “अटलजी की परंपरा हमारे लिए प्रेरणा है और पंडित जी का भी अपने देश के लोकतंत्र में अहम योगदान था।

दरअसल, गडकरी हाल ही में संपन्न मॉनसून सत्र के दौरान संसद में व्यवधान के बारे में बात कर रहे थे। सदन में उस दौरान तीन कृषि कानूनों, ईंधन की कीमतों में वृद्धि और पेगासस स्पाइवेयर से संबंधित आरोपों पर दोनों सदनों में विपक्षी दलों की ओर से जमकर विरोध दर्ज कराया गया था।

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने वर्षों को याद करते हुए गडकरी ने कहा कि एक समय था जब उन्होंने सदन को बाधित करने के लिए प्रभारी का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा, “उन दिनों में एक बार मैं अटल जी से मिला था और उन्होंने मुझसे कहा था कि लोकतंत्र में काम करने का यह कोई तरीका नहीं है और लोगों तक अपना संदेश पहुंचाना महत्वपूर्ण है।”

वह आगे बोले- सभी दलों ने – मैं भी पार्टी अध्यक्ष रह चुका हूं – एक बार इसका आत्मपरीक्षण करके…सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष, क्योंकि आज जो विपक्ष है, वह कल की सत्तारूढ़ पार्टी है। आज के सत्तारूढ़ दल कल का विपक्ष है। हमारी भूमिकाएं बदलते रहते हैं।

उनके अनुसार, “मैं तो जीवन के अनेक सालों तक विपक्ष में ही काम कर चुका हूं। तो कहीं न कही सब लोग मर्यादा का पालन करें।” सत्ताधारी दल और विपक्ष को “लोकतंत्र के दो पहिए” बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “इस लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए एक मजबूत विपक्ष भी आवश्यक है। नेहरू ने हमेशा वाजपेयी जी का सम्मान किया और कहा कि विपक्ष भी जरूरी है।

उन्होंने बताया कि लोकतंत्र की सफलता के लिए सत्ताधारी दल पर विपक्ष का कड़ा नियंत्रण जरूरी है। बकौल गडकरी, “और इस लिए कांग्रेस पार्टी विपक्ष के रूप में मजबूर बननी चाहिए और विचार के आधार पर उनको जिम्मेदार विपक्ष का काम करना चाहिए। यह मेरी उनके लिए शुभ कामना है।”