अत्रि मित्रा
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दो दिनी बैठक में कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने एक दूसरे के प्रति जो आदरभाव और सियासी लगाव दिखाया है, उससे बंगाल में कांग्रेस और उसका सहयोगी दल सीपीएम में बेचैनी है। हाल ही में बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान भारी हिंसा हुई थी। इसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गये थे। इस दौरान कांग्रेस और सीपीएम के अलावा मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने राज्य में खुलेआम आतंक फैलाने का आरोप लगाकर टीएमसी को निशाने पर लिया था।
TMC को अल्पसंख्यक वोटरों के छिटकने का डर
इस चुनाव में टीएमसी को अधिकतर सीटों पर सफलता मिली है, लेकिन नतीजों ने इस बात का साफ संकेत किया है कि अल्पसंख्यक वोटरों का एक हिस्सा कांग्रेस, सीपीएम के नेतृत्व वाली वाम मोर्च और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) को समर्थन दिया है। इससे सत्तारूढ़ दल के खिलाफ विरोध तेज हुआ है। ममता बनर्जी कांग्रेस को साथ लेकर टीएमसी के इस घटते अल्पसंख्यक वोटरों रोकने की कोशिश में हैं।
चुनाव के वक्त पार्टी राहुल गांधी पर साध रही थी निशाना
इससे पहले टीएमसी नेतृत्व और इसका मुखपत्र ‘जागो बांगला’ कांग्रेस और राहुल गांधी पर लगातार निशाना साध रहे थे। 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद जिसमें वाम मोर्चा और कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली थी और ममता बनर्जी तीसरी बार सीएम के रूप में सत्ता संभाली थी।
टीएमसी ममता को विपक्ष का सबसे स्वीकार्य चेहरा बताती रही है, पार्टी का तब बयान था, “टीएमसी कहती रही कि कांग्रेस विफल हो चुकी है, यूपीए खत्म हो चुकी है। हमें एक विपक्षी गठबंधन चाहिए। कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, लेकिन यह डीप फ्रीजर में चली गई है। उनका नेतृत्व एक कमरे में बंद हो गया है और केवल ट्वीटर पर ही दिखाई देते हैं। देश को विपक्षी दलों के एक गठबंधन की जरूरत है। विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी जिम्मेदारी टीएमसी नेता ममता बनर्जी को दे दी है। पूरा विपक्षी दल उनकी ओर देख रहा है।”
अगस्त 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में, टीएमसी ने यह साफ करने की कोशिश की थी कि वह कांग्रेस के लिए दूसरी भूमिका नहीं निभाएगी और विपक्ष के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के पीछे रैली करने से इनकार कर दिया था। दावा किया गया था कि कांग्रेस ने उन्हें “एकतरफा” चुना था। ऐसा तब हुआ जब कांग्रेस सहित विपक्ष ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में टीएमसी द्वारा चुने गए यशवंत सिन्हा का समर्थन किया था।
