सम-विषम योजना को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सांसदों को संसद पहुंचाने के लिए डीटीसी की जो विशेष बस शुरू की थी, उसका फायदा चंद लोगों ने ही उठाया। वहीं दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को उपराष्ट्रपति व राज्यसभा अध्यक्ष हामिद अंसारी से मुलाकात की और संसद से दूर रहने वाले सांसदों की सूची मांगी ताकि अगले चार दिनों तक उनकी आवाजाही के लिए विशेष व्यवस्था की जा सके। गोपाल राय ने सांसदों को छूट देने संबंधी कोई फैसला लिए जाने से इनकार कर दिया। वहीं नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सांसदों के लिए विश्वसनीय और कुशल सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की है।
रविवार को परिवहन मंत्री ने सांसदों को संसद तक पहुंचाने के लिए छह विशेष एसी बसें चलाने की घोषणा की थी, लेकिन सोमवार से शुरू हुए संसद सत्र के लिए सांसदों ने इस सेवा का लाभ न के बराबर उठाया। सुबह 9 बजे से शुरू हुई स्पेशल सेवा का इस्तेमाल केवल दो भाजपा सांसदों ने किया।
गुजरात के बड़ोदरा से सांसद रंजन बेन धनंजय और यूपी के अंबेडकर नगर से हरि ओम पांडे ने एमपी स्पेशल बस सेवा का लाभ उठाया। एमपी स्पेशल बस सेवा के लिए नियुक्त नोडल आॅफिसर अनुज सिन्हा ने कहा, ‘हमने तो सेवा दे दी है, अब यह माननीय सांसदों पर निर्भर है कि वे इसका उपयोग करें।’ सिन्हा ने जानकारी दी कि इस सेवा का संयोजन संसद का ट्रेवल हेल्प डेस्क कर रहा है और अपनी जरूरत के हिसाब से बसों के फेरे लगाने का फैसला ले रहा है।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा बसों में संसद सुरक्षा दल के लोग भी तैनात किए गए हैं। ये बसें सुबह नौ बजे से 11 बजे तक और शाम साढ़े पांच बजे से आठ बजे तक चलेंगी। सम-विषम से सांसदों को पेश आ रही दिक्कतें और एमपी स्पेशल बस सेवा के प्रति सांसदों की प्रतिक्रिया के मद्देनजर परिवहन मंत्री गोपाल राय ने राज्यसभा अध्यक्ष हामिद अंसारी से मुलाकात कर इसके सभी पहलुओं पर चर्चा की। मुलाकात के बाद राय ने कहा, ‘कई सांसद काफी दूर रहते हैं, अगर उनके पास कार-पूलिंग का विकल्प नहीं है तो दिल्ली सरकार सुविधा देने का प्रयास करेगी।
इसके लिए हमने उपराष्ट्रपति से मुलाकात कर जरूरतमंद सांसदों की सूची मांगी है।’ गोपाल राय ने सांसदों के लिए फिर से अधिसूचना जारी कर छूट का प्रावधान करने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि सांसदों को केवल चार और दिन सम-विषम का सामना करना है और इतने कम समय में छूट का फैसला नहीं लिया जा सकता।
वहीं विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सम-विषम के कारण जिस तरह सांसदों को परेशानी झेलनी पड़ी, उससे केजरीवाल सरकार की कार्यकुशलता और प्रबंधन क्षमता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 800 सांसदों के लिए कुल छह बसें चलार्इं, जो नाकाफी थीं। इससे सांसदों को देरी और परेशानी दोनों हुई। गुप्ता ने कहा कि अगर केवल यातायात के कारण संसद का कामकाज प्रभावित होता है तो यह बेहद चिंतनीय है, दिल्ली सरकार अगर सांसदों के लिए समुचित व्यवस्था नहीं कर सकती तो आम जनता के लिए क्या करेगी।
रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कई सांसदों ने सम-विषम के कारण परेशानी की बात कही थी और छूट दिए जाने की मांग की थी। 15 अप्रैल से शुरू हुई सम-विषम योजना का दूसरा चरण 30 अप्रैल तक चलेगा जिसमें संसद सदस्यों को छूट नहीं दी गई है। हालांकि, इस योजना के तहत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, केंद्र्रीय मंत्रियों, प्रधान न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और महिलाओं सहित कुछ अन्य लोगों को छूट दी गई है।