‘न्यूज 18 इंडिया’ पर डिबेट के दौरान पैनलिस्ट शहजाद पूनावाला ने AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी पर तंज कसते हुए कहा कि ओवैसी जिस भाईचारे की बात करते हैं, उसमें भाई वो हैं और चारा कोई और है। पैनलिस्ट कहने लगे कि ओवैसी अखलाक के मरने पर तो विरोध जाहिर करते हैं लेकिन जब मुस्लिम किसी दलित की लिंचिंग करते हैं तो चुप्पी साध लेते हैं।
‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’: भाजपा की पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि गठबंधन को मजबूत बनाने के लिए ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ की 15 जुलाई को मुरादाबाद में रैली होगी। भागीदारी संकल्प मोर्चा छोटे दलों का गठबंधन है। उन्होंने कहा कि इन दोनों रैलियों में मोर्चा के सभी घटक दलों के नेता मौजूद रहेंगे। इन रैलियों में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद रहेंगे। मुरादाबाद के बाद मोर्चा की अगली रैली बाँदा में होगी। राजभर ने बताया कि इन रैलियों के बारे में असदुद्दीन ओवैसी से विचार विमर्श हो गया है।
ओवैसी साहब बिल्कुल भाईचारा की बात तो करते हैं, लेकिन भाई वो है, लेकिन चारा कोई और है- शहज़ाद पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक#भैयाजी_कहिन @prateektv @Shehzad_Ind pic.twitter.com/0oIG9IDeHl
— News18 India (@News18India) July 8, 2021
ओवैसी एक दिन के दौरे पर बृहस्पतिवार को लखनऊ और बहराइच आए थे। ओवैसी के साथ बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की मजार पर जाने के मसले पर सफाई देते हुए राजभर ने कहा कि वह गाजी की मजार पर नहीं गये थे।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष राजभर ने ओवैसी के साथ बहराइच में एक कार्यक्रम को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा कि वह ओवैसी के साथ उनकी पार्टी के कार्यालय के उद्घाटन के कार्यक्रम में शरीक हुए थे। ओवैसी सैयद सालार मसूद गाजी के मजार पर सजदा करने गए लेकिन वह उनके साथ मजार पर नहीं गए थे।
उन्होंने कहा ओवैसी जी की व्यक्तिगत आस्था है, वह कहीं भी आने जाने के लिए स्वतंत्र हैं। योगी सरकार के जनसंख्या नियंत्रण नीति बनाने के मसले पर उन्होंने कहा कि भाजपा को शिगूफा छोड़ने की आदत हो गई है।
असदुद्दीन ओवैसी का भाजपा पर हमला: वहीं, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर कोविड की दूसरी लहर के दौरोन अक्षम होने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगले वर्ष की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लड़ाई कोविड की दूसरी लहर में बेवा और यतीम हुए लोगों से होगी।