प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (28 मई) को नये संसद भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास सेंगोल को भी स्थापित किया। वहीं, पीएम मोदी के हाथों किये गए उद्घाटन पर विपक्ष की 21 पार्टियों ने समारोह का बहिष्कार किया। राष्ट्रीय जनता दल ने संसद भवन की तुलना ताबूत से किये जाने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बयान की जमकर आलोचना की।
RJD संसद को ताबूत क्यों कह रही है- असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने नए संसद भवन को लेकर आरजेडी द्वारा किए गए Tweet पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह संसद को ताबूत क्यों कह रहे हैं, कुछ और भी कह सकते थे। नए संसद भवन को लेकर RJD के ट्वीट पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “उनका कोई स्टैंड ही नहीं है। वे संसद को ताबूत क्यों कह रहे हैं वे, कोई और मिसाल भी दे सकते थे। वे कुछ और भी कह सकते थे, उन्हें यह एंगल लाने की क्या जरूरत है? कभी सेक्युलर बोलते हैं कभी भाजपा से निकले हुए नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री बना लेते हैं।”
एआईएमआईएम प्रमुख ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह पर सवाल उठाते हुए कहा कि बेहतर होता अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन का उद्घाटन करते। ओवैसी ने कहा, “बेहतर होता अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन का उद्घाटन करते राजद का कोई स्टैंड नहीं है, पुराने संसद भवन को दिल्ली फायर सर्विस से क्लीयरेंस तक नहीं था।”
दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद एक ट्वीट किया गया था। इस ट्वीट में आरजेडी ने नए संसद भवन के साथ एक ताबूत की फोटो शेयर की उसके साथ लिखा, “ये क्या है?” इस ट्वीट को लेकर बीजेपी आरजेडी पर हमलावर है। भाजपा ने ट्वीट किया, “पहला चित्र आपका भविष्य है और दूसरा भारत का। समझे?”
RJD द्वारा किए गए ट्वीट पर बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, “ये पूरी तरह जनता तय करेगी। जनता 2024(लोकसभा चुनाव) और 2025(बिहार विधानसभा चुनाव) में उसी ताबूत में बंद करके राष्ट्रीय जनता दल(RJD) को समाप्त कर देगी।”
RJD द्वारा किए गए ट्वीट पर भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा, “आज भले ही सभी दलों के लोगों ने भवन बहिष्कार किया हो लेकिन कल सदन की कार्यवाही तो वहीं चलने वाली है। क्या राष्ट्रीय जनता दल ने यह तय कर लिया है कि वे नए संसद भवन का स्थायी रूप से बहिष्कार करेंगे? क्या वे लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे? ताबूत का चित्र दिखाना इससे ज़्यादा अपमानजनक कुछ नहीं है।”